‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के 5 साल पूरे, सीएम धामी बोले-ड्रग्स-फ्री उत्तराखंड हमारा संकल्प

- चार वर्षों में हजारों युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने में मिली बड़ी सफलता
- राज्यभर में नशा मुक्त केंद्रों की स्थापना से उपचार और पुनर्वास में आया सुधार
- ड्रग माफियाओं पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई—कई गिरोहों का हुआ पर्दाफाश
- नशा मुक्त उत्तराखंड को सामूहिक जनआंदोलन बनाने का मुख्यमंत्री ने किया आह्वान
देहरादून: ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के पाँच वर्ष पूरे होने के अवसर पर देहरादून में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीते चार वर्षों में उत्तराखंड ने नशे के खिलाफ सबसे व्यापक और संगठित लड़ाई लड़ी है। उन्होंने बताया कि सरकार के निरंतर प्रयासों और जनसहभागिता से बड़ी संख्या में युवाओं को नशे की चपेट से बाहर निकालकर मुख्यधारा में लाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने नशामुक्ति को मिशन मोड में चलाते हुए विभिन्न जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की है, जहाँ आधुनिक सुविधाओं, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और पुनर्वास सेवाओं के माध्यम से पीड़ितों की सहायता की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के कई युवा नशे से लड़कर न सिर्फ स्वस्थ जीवन जी रहे हैं बल्कि अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं।
सीएम धामी ने कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार समाज को नशे की बुराई से मुक्त करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकारी नहीं, बल्कि सामाजिक अभियान है जिसे गाँव-गाँव और शहर-शहर तक पहुँचाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, विद्यालयों, महाविद्यालयों और स्थानीय संगठनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने नशे के अवैध कारोबार पर भी सख्त रुख अपनाने की बात दोहराई। उन्होंने बताया कि राज्य में ड्रग माफियाओं और स्मगलरों के खिलाफ पुलिस एवं नारकोटिक्स विभाग लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। कई गिरोहों का पर्दाफाश किया गया है और नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। धामी ने कहा कि नशे का धंधा करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवाओं, सामाजिक संगठनों और शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान नशा-मुक्ति को बढ़ावा देने वाली कई प्रदर्शनी, जागरूकता गतिविधियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। सभी प्रतिभागियों ने नशा-मुक्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प भी दोहराया।




