
- दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी की मुलाकात
- रेल,वित्त,कौशल विकास,जल शक्ति व शिक्षा मंत्रालय से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट पर प्रदेश का पक्ष रखा
- रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से विभिन्न रेेल परियोजनाओं के संबंध में की चर्चा
देहरादून: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को दिल्ली में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार से मुलाकात कर राज्य में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने, नई रेल परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन व पूर्ववर्ती प्रस्तावों की प्रगति के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की।
मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी भेंट कर राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को बताया कि राज्य में कुल पांच रेल परियोजनाएं हैं, जिनमें तीन प्रस्तावित एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग सहित दो परियोजनाएं वर्तमान में संचालित की जा रही है।
गंगोत्री-यमुनोत्री रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 121.76 किमी है तथा 10 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है।
टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 170.70 किमी है तथा 12 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है।
देहरादून -सहारनपुर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 92.60 किमी है तथा इसमें 8 स्टेशन है। इसका सर्वेक्षण कार्य गतिमान है।
इस अवसर पर देहरादून-सहारनपुर रेल परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन के दोहरीकरण एवं देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन के विकास पर भी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त मेरठ से हरिद्वार तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के विस्तार की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।
मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखण्ड में दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों का रेल नेटवर्क से संयोजन, राज्य के औद्योगिक आर्थिक एवं सामाजिक विकास, विश्व प्रसिद्ध धामों, तीर्थ में वर्ष भर श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन तथा सामरिक महत्व के दृष्टिगत रेलवे का अवसंरचना की दृष्टि से विकास राज्य हेतु अत्यंत आवश्यक है।
मुख्य सचिव ने केन्द्रीय वित्त सचिव सहित विभिन्न मंत्रालयों के उच्चाधिकारियों से की मुलाकात
देहरादून आउटर रिंग रोड की डीपीआर पर चर्चा
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास सुदृढीकरण एवं सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार से सहयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्रीय वित्त सचिव अजय सेठ, व्यय सचिव डॉ. मनोज गोविल, तथा अपर सचिव संजन सिंह यादव से भेंट कर राज्य के लिए विशेष सहायता एवं अनुदान की मांग की। साथ ही, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर से मुलाकात कर देहरादून आउटर रिंग रोड की डीपीआर पर चर्चा की।
यह परियोजना लगभग 51.59 किलोमीटर लंबी है, जिसे भविष्य में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
मुख्य सचिव ने मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के लिए अतिरिक्त सहायता, मंदिरों के उच्चीकरण एवं संरक्षण हेतु अनुदान, तथा राज्य सरकार द्वारा भेजे गए लंबित प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवाही का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव वी. वुलनम से भी भेंट कर देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तार कार्यों में तेजी लाने तथा देहरादून एवं पंतनगर हवाई अड्डों पर रात्रिकालीन (नाईट लैंडिंग) उड़ानों की सुविधा शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ एवं सहस्त्रधारा में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सुविधाओं की व्यवस्था की जा चुकी है, जिससे चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन अधिक सुरक्षित एवं सुचारु रूप से किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्य सचिव ने कौशल विकास सचिव अतुल तिवारी से मुलाकात कर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के युवाओं को विदेशों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के हुनरमंद नौजवानों को वैश्विक मंच पर पहचान मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें इसके लिये युवाओं को देश विदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाना राज्य के युवाओं के हित में है।
प्रदेश के युवा विभिन्न तकनीकी एवं व्यावसायिक क्षेत्रों में दक्ष हैं और उनके कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए उपयुक्त मार्गदर्शन एवं अवसर प्रदान करना आवश्यक है।
मुख्य सचिव ने विदेश सचिव अरुण कुमार चटर्जी से भी मुलाकात कर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की भर्ती एजेंसियों के माध्यम से उत्तराखंड के युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर प्रदान करने पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को बेहतर करियर के लिए विकल्प मिलेंगे। दूरसंचार सचिव श्री नीरज मित्तल से मुलाकात कर मुख्य सचिव ने टनकपुर क्षेत्र में नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधारने एवं मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में बीएसएनएल 4जी सेवा के कार्यान्वयन को गति देने का भी आग्रह किया।
किशाऊ बांध परियोजना एवं सेला उरथिंग परियोजना की स्वीकृति का किया अनुरोध
मुख्य सचिव ने सचिव जल शक्ति मंत्रालय सुश्री देवाश्री मुखर्जी से भेंट कर किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना (660 मेगावाट) और सेला उरथिंग जलविद्युत परियोजना (114 मेगावाट) से जुड़े लंबित मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने किशाऊ परियोजना में देरी और लागत वृद्धि पर गंभीरता से सचिव जल शक्ति मंत्रालय से विचार विमर्श किया। उत्तराखंड द्वारा इस परियोजना की अतिरिक्त लागत को केंद्र की विशेष सहायता योजना (एसएएस) के तहत स्वीकारा, जबकि हिमाचल प्रदेश ने विद्युत घटक के लिए 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्तपोषण या ब्याजमुक्त ऋण की मांग रखी।
परियोजना के लिए जल बंटवारा समझौता अभी भी लंबित है। सेला उरथिंग परियोजना को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा गंगा बेसिन का हवाला देकर सर्वेक्षण सूची से हटाया गया, जिस पर उत्तराखंड ने आपत्ति जताई।
राज्य ने स्पष्ट किया कि यह क्षेत्र गंगा बेसिन में नहीं आता और किसी न्यायिक प्रतिबंध के अधीन भी नहीं है। उन्होंने उत्तराखंड की दोनों परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति देने का अनुरोध किया, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी और सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास संभव होगा।
केन्द्रीय उच्च शिक्षा सचिव एवं केन्द्रीय रक्षा सचिव से भी मुख्य सचिव ने की मुलाकात
मुख्य सचिव ने केन्द्रीय उच्च शिक्षा सचिव से प्रदेश में उच्च शिक्षा को लेकर मुलाकात कर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों को बेहतर बनाने का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव ने केन्द्रीय रक्षा सचिव राजेश कुमार से मुलाकात कर राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सड़कों के निर्माण तथा सैन्य सुविधाओं के विस्तार से संबंधित विषयों पर चर्चा की और इन क्षेत्रों में आवश्यक सहयोग प्रदान किए जाने का अनुरोध किया।
इन मुलाकातों में मुख्य सचिव द्वारा उत्तराखण्ड की विभिन्न समसामयिक प्राथमिकताओं जैसे अवस्थापना सुविधाओं के विकास, वित्तीय सहायता, सड़क एवं राजमार्ग से संबंधित परियोजनाओं, विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं तथा अन्य विभिन्न समसामयिक योजनाओं के संबंध में सकारात्मक विचार-विमर्श किया गया।