उत्तराखंडराज्य

कण्वाश्रम में जल्द ही चक्रवर्ती राजा भरत की प्रतिमा लगेगी

कोटद्वार: एक महीने के अंदर कण्वाश्रम में राजा भरत की मूर्ति स्थापित की जाएगी।विधानसभा अध्यक्ष व क्षेत्रीय विधायक ऋतु खंडूरी ने गुरुवार को कण्वाश्रम के दौरे के बाद यह बात कही।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की मदद से कण्वाश्रम को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि अगले माह तक यहाँ शकुंतला पुत्र चक्रवर्ती राजा भरत की प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि मालिनी घाटी की वैदिक कालीन सभ्यता को जीवंत करने का प्रयास किया जा रहा है। धार्मिक और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहाँ आश्रम पद्धति पर आधारित सप्त ऋषि मंडप बनाने की योजना है। मालिनी तट पर प्रतिदिन नदी आरती और मंत्रोच्चारण से क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण निर्मित होगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम यहाँ की प्राचीन मूर्तियों का अध्ययन कर रही है, जो 8वीं से 11वीं सदी के बीच की मानी जा रही हैं।

उन्होंने कण्वाश्रम स्थित प्राचीन काष्ठ कला और मालिनी नदी तट पर बसे इस क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत का अवलोकन भी किया।

पर्यटन विभाग ने वर्ष 2023 में कण्वाश्रम से चंडा पर्वत शिखर तक मालिनी नदी घाटी को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया था।

गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद से ही हर सरकार में कण्वाश्रम के विकास का दावे किए जाते रहे हैं। चर्चा है कि क्षेत्र के पर्यटन सर्किट से जुड़ा कोई ब्लू प्रिंट भी बना था। पर्यटन मंत्री महाराज के अलावा कई बड़े नेता कण्वाश्रम को विश्व के नक्शे पर लाने की बातें सालों पहले कह चुके हैं। लेकिन 25 साल में इस प्रसिद्ध इलाके की सूरत एक इंच भी नहीं बदली।

उल्टा, कण्वाश्रम व भाबर को कोटद्वार से जोड़ने वाले टूटे पुलों की मरम्मत में ही लम्बी अवधि लग गयी। यही नहीं, कण्वाश्रम इलाके को छूते हुए निकल रहा लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग भी डबल इंजन की सरकार में पस्त हालत में है।

कोटद्वार-नजीबाबाद मुख्य मार्ग की पुलिया व सड़कें ही नहीं रेल पुल तक बरसात की भेंट चढ़ चुका है। इस रेल पुल को बनने में भी काफी समय लगा था। विकास की पहली सीढ़ी ढांचागत सुविधाओं की बहाली भी एक चुनौती बनी हुई है।

इस बार क्षेत्रीय विधायक ऋतु खण्डूड़ी ने कण्वाश्रम के विकास का दावा किया है। हालांकि, उनके कार्यकाल का एक बड़ा हिस्सा व्यतीत हो चुका है। 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

2017 में ऋतु खण्डूड़ी यमकेश्वर से चुनाव जीती थीं। 2022 में कोटद्वार से जीत हासिल की। 2027 का चुनाव करीब है। विधायक ऋतु खण्डूड़ी चुनावी साल में कण्वाश्रम की तस्वीर कितनी बदल पाएंगी ? क्षेत्रीय जनता शिद्दत से इंतजार कर रही है।

 

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