
कोटद्वार: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पुलकित आर्य पर 70 हजार रुपए व बाकी दो दोषियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है, साथ ही पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए मुआवजा देने का भी फैसला सुनाया।
उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है ।2022 में अंकिता का शव गंगनहर से बरामद हुआ था जिसके बाद पूरे प्रदेश में आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन भी किया। मामले में भाजपा नेता के पुत्र का नाम आने के बाद विपक्ष ने भी मुद्दे को जोर शोर से उठाया था।वहीं मामले में अब तीन वर्ष बाद कोटद्वार कोर्ट ने आज ही तीनों आरोपियों को अब सज़ा का एलान भी कर दिया गया। पीड़ित परिवार और जनमानस ने फैसले का स्वागत किया, लेकिन फांसी की मांग अब भी जारी है। पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा “यह न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है, लेकिन समाज को संतोष तब होगा जब ऐसे अपराधों में कठोरतम सजा मिले।”
पौड़ी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकित भंडारी गंगा भोगपुर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य है, जिसका पिता विनोद आर्य भाजपा से जुड़ा था। पुलकित आर्य ने अंकिता पर रिजॉर्ट में किसी वीआईपी को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया, लेकिन स्वाभिमानी अंकिता ने इससे इनकार कर दिया।
18 सितंबर 2022 को अंकिता की हत्या कर दी गई, उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया। इधर बेटी से कुछ दिन से बात न हो पाने से माता पिता परेशान थे, पटवारी के कई चक्कर लगाए, लेकिन हर जगह से निराशा हाथ लगी। सरकारी कारिंदे विनोद आर्य की आवाभगत में व्यस्त रहे और पीड़ित के माता पिता भटकते रहे। पांच दिन बाद अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ। इस घटना से लोगों में व्यापक जन आक्रोश उपजा। तब जाकर मामला राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया गया
मामले में एसआईटी गठित की गई, तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, अंकित गुप्ता गिरफ्तार किए गए। एसआईटी की जांच के बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक व दो अन्य कर्मियों के खिलाफ करीब 500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई।
कोर्ट परिसर के बाहर पसरा रहा तनाव
एक ओर अंकिता मर्डर केस को लेकर अदालत परिसर में गहमागहमी बनी हुई थी। वहीं दूसरी ओर ,कोर्ट परिसर के बाहर भारी तनाव व बेचैनी का आलम था।पुलिस ने भी फैसले की संवेदनशीलता को समझते हुए कई जगह पर अवरोध खड़े किए हुए थे। अभियुक्त पुलकित, सौरभ व अंकित पर सम्भावित हमले को देखते हुए कोर्ट परिसर से 150 मीटर दूर बैरिकेडिंग की गई थी। फैसला आने के बाद मौजूद जनता ने फांसी फ़ौ फांसी दो समेत अन्य नारे लगाते हुए उग्र प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेत्री ज्योति रौतेला ने कहा कि इस मुद्दे को आगे भी लड़ा जाएगा।
अंकिता हत्याकांड में बार -बार वीआईपी का नाम आने के बाद भी जांच न होने पर भी जनता में साफ नाराजगी दिखी। फैसला आने के बाद पुलिस-प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों अभियुक्तों को सकुशल बाहर निकाला।
कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें:
- VIP की पहचान सार्वजनिक की जाए और उस पर कानूनी कार्रवाई हो।
- सुप्रीम कोर्ट में अपील कर फांसी की सज़ा की मांग की जाए।
- एक स्वतंत्र न्यायिक जांच आयोग गठित किया जाए, जो इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करे।
महिला कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग उठाई
महिला कांग्रेस लगातार अंकिता हत्याकाण्ड की सीबीआई से जॉच करवाये जाने की मांग कर रही हैं। महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला व मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि राज्य की जनभावनायें थी कि इन दरिन्दों को फांसी की सजा हो। परन्तु कांग्रेस ने सदैव कोर्ट के निर्णय का सम्मान किया है।
उन्होंने कहा, हमें इस बात का मलाल है कि जिस वीआईपी के लिए अंकिता पर दबाव डाला गया था । आज तक राज्य सरकार के अभियोजन पक्ष की कमी के कारण उसका खुलासा नही हुआ है, जो कि बहुत दुःखद है। उन्होंने कहा राज्य सरकार को चाहिए कि अन्य लोग इस हत्याकाण्ड में संलिप्त है उनको भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।