उत्तराखंडराज्य

अमित तोमर ने खुलेआम की माननीय न्यायालय की अवमानना

  • अमित तोमर के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज
  • श्री दरबार साहिब ने अमित तोमर पर ठोका 25 करोड़ की मानहानि का दावा
  • लाउडस्पीकर पर लगवाये आपत्तिजनक, अपमानजनक नारे
  • अमन स्वेडिया ने भी की माननीय न्यायालय की अवमानना
  • मातावाला बाग मामले में पहले ही पोस्ट/ धरना प्रदर्शन करने पर लगी है रोक

देहरादून: अमित तोमर व अमन स्वेडिया इन दोनों ड्रग्स माफिया को जब मातावाला बाग में संगतों ने शराब व ड्रग्स बेचते हुए पाया तो इसकी अच्छे से मार पीट कर दी और अब यह संगतों को खालिस्तानी बताकर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ रहा है, क्योंकि इसका कारोबार चौपट हो गया है, जो कि ये मातावाला बाग अखाड़े से चलाता था और स्कूल व कॉलेज के भोले-भाले युवा छात्र-छात्राओं को नशे का जहर देता था, पहलवानी के नाम पर यह मातावाला बाग में अपने साथियों से मिलकर नशे व ड्रग्स का बड़ा कारोबार चला रहा था, शाम को अमित तोमर और अमन स्वेडिया अपने अन्य साथियों के साथ शराब व अन्य गलत काम करते थे। ड्रग्स व शराब लेने वाले अमन स्वेडिया ने अपनी कार व उसके साथियों के मोटरसाईकल बिना श्री दरबार साहिब की अनुमति के मातावाला बाग में स्थाई पार्किंग बना दी थी व अपनी कार न० UK 07 FW 3237 फोटो। को मातावाला बाग में खड़ा करने लगा था, इस बात का विरोध करने पर श्री दरबार साहिब के मुख्य व्यवस्थापक, श्री मधुसूदन सेमवाल जी पर जातिसूचक शब्दों के प्रयोग व पेड़ काटने का झूठा आरोप लगाया । बाद में श्री दरबार साहिब को ब्लैकमेल करने व पूज्य श्री महाराज जी के विरूद्ध सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करना शुरू कर दिया। अमन स्वेडिया खुद सोशल मीडिया फेसबुक, पर कहता है कि अखाड़ा व भूमि श्री दरबार साहिब की है तो किस अधिकार से वो वहां घूसना चाहता है, भूमि स्वामी अपनी भूमि पर कुछ भी करें जबकि जिला प्रशासन, पुलिस व वन विभाग की टीम ने निरीक्षण कर बताया कि बाग में किसी भी पेड़ का कटान होना नहीं पाया गया है, बल्कि आसपास के सज्जन व्यक्तियों ने मातावाला बाग की चारदीवारी करने, झाड़ी कटाने, नये फलदार वृक्षों को लगाने व बाग की साफ सफाई करने की मुहिम पर प्रसन्नता जताई है।

कब्जे की नियत से व ड्रग्स व नशे का व्यापार बन्द होने से इसका हिस्सेदार अमित तोमर बौखलाया हुआ है, ये लोग अपने ड्रग्स व नशे के व्यापार को करने के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं व सरासर माननीय न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे हैं, तथ्यों को झूठा व भ्रामक बनाकर देहरादून की जनता को भड़का रहे हैं। श्री दरबार साहिब ने मातावाला बाग को किसी को भी लीज पर नहीं दिया है। बल्कि अपने एस जी आर आर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग को ये जिम्मेदारी दी है कि यह बगीचा काफी पुराना हो गया है इसको नये फलदार वृक्षों का रोपण कर वैज्ञानिक तरीकों से युवा कृषि वैज्ञानिकों की मदद से मातावाला बाग का रख-रखाव करना है। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए मातावाला बाग सुबह व शाम सैर / भ्रमण के लिए जाना चाहते है माननीय न्यायालय के आदेशानुसार सबको प्रवेश पत्र व श्री दरबार साहिब की अनुमति जरूरी है ताकि असामाजिक तत्व सज्जन लोगों की आड़ में मातावाला बाग में जाकर गलत गतिविधियों में शामिल न हो सकें। श्री दरबार साहिब ने वन विभाग की टीम द्वारा बाग में मौजूद समस्त वृक्षों की गिनती करके वृक्षवार व संख्यावार एक बोर्ड पर लिखकर आम जनता की जानकारी हेतु लगा दिया है। ताकि ये असामाजिक तत्व झूठा दुष्प्रचार करके जन-भावनाओं को न भडकाऐं कि पेड़ काट दिये है व अपने नापाक ड्रग्स के कारोबार को चला सकें।

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