उत्तराखंड

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर नवाचार के महत्व पर किया मंथन

देहरादून: उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में “स्कूलों से स्टार्टअप तक विषय के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ डॉ. डी.पी. उनियाल, संयुक्त निदेशक, यूकॉस्ट के स्वागत उद्बोधन के साथ हुआ । जी.एस. रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी, देहरादून ने प्रौद्योगिकी दिवस और नवाचार के महत्त्व पर बात की।

प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी, आईआईटी-मुंबई, संस्थापक एनर्जी स्वराज फाउंडेशन, मध्य प्रदेश ने “जलवायु परिवर्तन और सुधारात्मक कार्यों की समझ” विषय के अंतर्गत एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने संसाधनों के सीमित उपयोग और उपभोग के महत्व और ऊर्जा की बचत पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने सभी लोगों से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया।

प्रोफेसर दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट ने विद्यालयी शिक्षा में नवाचार और स्टार्टअप के महत्त्व पर बात की। उन्होंने सौर ऊर्जा, पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था में इसके महत्त्व पर बात की। सत्र का समापन यूकॉस्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. पीयूष जोशी द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ । सत्र का संचालन यूकॉस्ट की वैज्ञानिक अधिकारी श्रीमती जागृति उनियाल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में डॉ. मधुसूदन जोशी, डॉ. कुमुद उपाध्याय, तुलाज इंस्टीट्यूट और महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (डब्ल्यूआईटी) के 200 से अधिक छात्र – छात्राएं, यूकॉस्ट और आंचलिक विज्ञान केंद्र के अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित रहे।

 

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