Uttarakhand: जाबांज कमांडो मेजर दिग्विजय सिंह रावत कीर्ति चक्र व शौर्य चक्र से सम्मानित
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कीर्ति चक्र से सम्मानित होने पर सैन्यभूमि उत्तराखण्ड के जाँबाज़ पैरा कमांडो मेजर दिग्विजय सिंह रावत, शौर्य चक्र से सम्मानित होने पर ग्रेनेडियर्स 55वीं बटालियन के मेजर सचिन नेगी और आर्म्ड कोर, 44वीं बटालियन के मेजर रविन्द्र सिंह रावत को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
यहां जारी सन्देश में सीएम ने कहा कि आपको मिले सम्मान से प्रत्येक उत्तराखण्डवासी गौरवान्वित है। आप लोगों की शौर्य गाथा हम सभी को सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।
पौड़ी गढ़वाल के डांग गांव के रहने वाले मेजर दिग्विजय सिंह रावत को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अदम्य साहस के लिए ’कीर्ति चक्र’ से सम्मानित किया है। 21 पैरा (स्पेशल फोर्सेज) के कमांडो मेजर दिग्विजय ने मणिपुर में उग्रवादियों का सफाया किया था। दरअसल बीते साल 5 जनवरी 2023 को गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करने पहुंचे थे। एक ऑपरेशन के दौरान उनको सूचना मिली कि घाटी के विद्रोही समूह एक वीआईपी को मणिपुर में निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के आधार पर मेजर रावत ने अपने एक सूत्र को सक्रिय किया, जिसने विद्रोही समूहों को भटका दिया।
वह सूत्र सफलतापूर्वक विद्रोही समूह को उसी इलाके में ले गया, जहां मेजर दिग्विजय सिंह की टीम उनका इंतजार कर रही थी। आतंकवादियों ने सैनिकों को देखते ही ऑटोमेटिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन गोलियों की बौछार के बीच भी हार न मानते हुए मेजर रावत ने अपनी टीम को कुशलता से नियंत्रित किया और खुद रेंगते हुए आतंकवादियों के एक कैप्टन को मार गिराया और दूसरे को घायल कर दिया।
खुफिया जानकारी के अनुसार, ये दोनों ही असम राइफल्स पर घात लगाकर हमला करने के मास्टरमाइंड थे। इसी तरह, 26 मार्च 2023 को भी एक अन्य ऑपरेशन के दौरान विद्रोही समूहों के घुसपैठ की सूचना मिली। उसमें भी मेजर दिग्विजय ने अपने शौर्य और पराक्रम को दिखाते हुए दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया और घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।