उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य पशुधन मिशन योजना के लाभार्थियों को बांटे चेक

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य पशुधन मिशन योजना के लाभार्थियों को चेक वितरण किये। एवं आंचल शहद का उद्धघाटन किया गया। मंगलवार को हाथीबड़कला स्थित सर्वे ऑफ़ इंडिया के स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार सतत प्रयत्नशील है। इसी क्रम में केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न लाभार्थी परक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में अभिनव प्रयोग करते हुए मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन योजना के प्रथम चरण के लाभार्थियों को चेक वितरण का कार्य कर रहे हैं। राज्य में पशुपालन आधारित उद्यमिता विकास एवं रोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से पशुपालन विभाग द्वारा 90 प्रतिशत व्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवा कर मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन योजना को राज्य में कार्यान्वयित किया जा रहा है।

इस योजना के अंतर्गत दो वर्ष के अंतराल में दुधारू पशुओं की 1 हजार इकाई, 750 खच्चर की इकाई भेड़ एवं बकरी की 1500 इकाई एवं 750 मुर्गी पालन इकाई स्थापित करने हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं पशुपालकों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ साथ पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने में भी कारगर होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी 60 मोबाइल वेटरनरी एम्बुलेंस के माध्यम से पशुपालकों के पशुओं को सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने पशुपालन विभाग द्वारा बद्री गाय के संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुधन राज्य की आर्थिकी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पशुपालन व्यवसाय प्रदेश की 45 प्रतिशत जनता को रोजगार उपलब्ध करवाता है तथा जी.डी.पी. में 2.51 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान देता है। केंद्र सरकार की अनेक लाभार्थीपरक योजनाओं के साथ साथ प्रदेश सरकार का भी यह प्रयास रहा है कि हम राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में निवास कर रहे पशुपालकों के लिए अपने स्तर से भी योजनाओं का संचालन करें जिससे कि उनकी आय को दुगना करने में और अधिक सहायता मिल सके। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन की संकल्पना की गयी है जो कि आत्मनिर्भरता की और पहला कदम है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचल के पशुपालकों के पशुओं के उपचार हेतु 1962 एम्बुलेंस अब प्रदेश के सभी 95 विकासखंडों में संचालित होगी। सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र को विविध आयामों से जोड़ने के क्रम में आज आंचल डेयरी द्वारा आंचल शहद का शुभारम्भ किया जा रहा है जिससे कि पशुपालकों को एक अतिरिक्त आय बिना किसी विशेष लागत के उपलब्ध कराई जा सकेगी। आंचल के ब्रांड के अंतर्गत बिकने से उत्पाद की विश्वसनीयता बढ़ेगी एवं उपभोक्ताओं को भी उच्च कोटि का शुद्ध उत्पाद प्राप्त हो सकेगा।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि बिना पशुपालन के कृषि की कल्पना संभव नहीं है उन्होंने उत्तराखंड की स्थानीय गाय “बद्री” को पूरे विश्व में पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री एवं पशुपालन मंत्री को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने पशुपालकों को पशुपालन विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प. राजेंद्र प्रसाद अंथवाल, निदेशक पशुपालन डॉ. नीरज सिंघल, अध्यक्ष उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, अधिशासी अधिकारी यू.एल.डी.बी डॉ. राकेश नेगी, अधिशासी अधिकारी उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास परिषद् डॉ. आर. एस. नितवाल एवं बड़ी संख्या में विभिन्न जनपदों से आए हुए पशुपालक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कैलाश उनियाल ने किया ।

 

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