
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की।
बैठक में राज्य के विकास कार्यों, जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण और प्रशासनिक सुधारों की प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना की रजत जयंती पर सफल कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अधिकारियों को बधाई दी और बताया कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री द्वारा मिले मार्गदर्शन को धरातल पर उतारना अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के विज़न पर जोर दिया। उन्होंने ‘एक जिला, एक मेला’ अभियान के तहत स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने वाले पर्यावरण-सम्मत और भव्य मेलों की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि चयनित मेलों को राजकीय मेला घोषित किया जाएगा। इन्हें विशेष संरक्षण, वित्तीय सहायता और प्रचार-प्रसार प्रदान किया जाएगा। आयोजन स्थानीय स्तर पर ही होंगे, राज्य सरकार केवल सहयोग देगी। इससे स्थानीय संस्कृति, कला, शिल्प और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग, आयुर्वेद और ध्यान केंद्रों को जिलों तथा ब्लॉकों तक विस्तारित किया जाए। प्रत्येक ब्लॉक में एक ‘‘आध्यात्मिक गाँव’’ विकसित किया जाएगा, जहाँ योग प्रशिक्षण केंद्र, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सुविधा और ध्यान कार्यक्रम संचालित होंगे। इससे स्वास्थ्य व वेलनेस पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमांत गांवों में होमस्टे, स्वरोजगार, कृषि, उद्यानिकी और सौर ऊर्जा संबंधी गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग पर विशेष जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रत्येक सीमांत गांव को उसकी संभावनाओं के आधार पर पर्यटन आकर्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
उन्होंने शीतकालीन चारधाम यात्रा और बारहमासी पर्यटन के लिए होटलों, होमस्टे संचालकों और सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय मजबूत करने के निर्देश दिए। केएमवीएन और जीएमवीएन को शीतकालीन यात्रा सीजन के लिए विशेष छूट पैकेज तैयार कर लागू करने को कहा गया।
सीएसआर फंड का उपयोग जनता के हित में जिला स्तर पर प्रभावी रूप से करने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रमुख स्थानों पर अलाव, रेन बसेरा और बर्फ हटाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए कचरे के समुचित निस्तारण के निर्देश दिए गए ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, ग्रामीण-शहरी विकास और पर्यटन विस्तार पर बल दिया। उन्होंने जीआई टैग वाले उत्पादों को निर्यात योग्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाने और प्रत्येक जनपद को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने नगरों की स्वच्छता, हरित क्षेत्रों के विकास और बस-स्टैंड, रेलवे स्टेशन व प्रमुख मार्गों पर सफाई व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए नियमित सत्यापन अभियान, सीमांत व पर्यटन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी सिस्टम की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। नशा नियंत्रण अभियान के लिए संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने और डीजीपी के मार्गदर्शन में विशेष टीम बनाने पर भी बल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने बेसहारा पशुओं के प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन, बागवानी विकास और भूमि अतिक्रमण हटाने जैसी व्यवस्थाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिलाधिकारियों को द्रोणगिरी (द्वाराहाट), श्यामलाताल–देवीधूरा (चंपावत) सहित अन्य क्षेत्रों में स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन विकसित करने की संभावनाओं का सर्वे कर योजना तैयार करने को कहा।
स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को लेकर उन्होंने जिलाधिकारियों को संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने, अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने और समस्याओं के तत्काल समाधान के निर्देश दिए।
सीएम हेल्पलाइन, बीडीसी बैठक, तहसील दिवस और जनसुनवाई चौपाल के माध्यम से जनसमस्याओं के त्वरित समाधान पर जोर दिया गया।
यातायात जाम की समस्या पर गंभीरता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने शहरों में जाम का समाधान शीघ्र सुनिश्चित करने और राज्य की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के निर्देश दिए। बार-बार खराब होने वाले मार्गों की पहचान कर विशेष निगरानी रखने और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने पिछले तीन वर्षों में बने स्थायी निवासी प्रमाणपत्रों की जांच कर गलत तरीके से बने प्रमाणपत्रों में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, कुमाऊँ मण्डल आयुक्त दीपक रावत सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।




