
देहरादून: डेंगू एवं अन्य जल जनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को ऋषिपर्णा सभागार में स्वास्थ्य एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को सक्रियता से काम करते हुए डेंगू पर प्रभावी अंकुश लगाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने नगर निगम को निर्देशित किया कि पर्याप्त संख्या मैनपावर और मशीनरी लगाते हुए रिसपना व विदांल नदी के तटों सहित शहर के सभी छोड़े बडे नाले व ड्रेन की 15 मई तक प्रत्येक दशा में साफ-सफाई का काम पूर्ण किया जाए। डेंगू के हॉट स्पॉट एरिया पर विशेष फोकस करें। सभी क्षेत्रों में लार्विसाइडल टैंकर से केमिकल का छिडकाव करते हुए डेंगू मच्छर को लार्वा अवस्था में ही नष्ट किया जाए। प्रत्येक वार्ड में नियमित रूप से फॉगिंग की जाए। जिलाधिकारी ने नगर निगम को लार्विसाइड 06 टैंकरों की संख्या बढ़ाकर 20 करने के निर्देश भी दिए। कहा कि प्रत्येक 10 वार्ड के लिए एक डेडिकेटेड लार्विसाइड टैंकर तैनात रहे। इसके लिए निगम को पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जाएगा। सभी वार्डाे में नियमित स्वच्छता, जलभराव रोकने, लार्विसाइडल एवं फॉगिंग से कैमिकल छिड़काव हेतु पूरा प्लान तैयार करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध करें। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में जल जभरा को रोकने के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी करें। जलभराव, गंदगी और डेंगू का लार्वा पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करते हुए चालान काटा जाए। आशा कार्यकत्री, वॉलिंटियर्स, रैपिड रिस्पांस टीम एवं वार्ड सदस्यों को साथ लेकर नगर क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में प्रभावी ढंग से जागरूकता गोष्ठियों का आयोजन किया जाए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि डेंगू मरीजों के उपचार हेतु अस्पतालों में रैपिट टेस्ट, डेंगू एलिसा टेस्ट, उपकरण, मेडिसिन, ब्लड बैंक, बैड सहित चिकित्सक और स्टाफ की तैनात करते हुए ड्यूटी निर्धारित की जाए। जिलाधिकारी ने नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग को एडवांस में 05-05लाख की धनराशि भी जारी की। जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देशित किया कि कंट्रोल रूम को एक्टिव रखा जाए। अस्पतालों को जो मशीनें दी गई है, उनको सक्रिय रखें। डेंगू की जांच के लिए लैब की दरें निर्धारित की जाए। डेंगू का कोई भी मामला सामने आने पर शॉर्ट नोटिस पर पूरी मशीनरी एक्टिव रहे। देहरादून और ऋषिकेश नगर क्षेत्रों में आशाओं को वार्ड आवंटन, आशाओं को डोर-टू-डोर सर्वे, रैपिड रिस्पांस टीम व वालिटियर्स की तैनाती के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया जाए। ताकि डेंगू, मलेरिया चिकनगुनिया एवं अन्य जल जनित बीमारियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि आशाओं को एनएचएम से एक हजार, नगर निगम से 1500 के साथ अब जिला प्रशासन की ओर से भी 1500 रुपए की अतिरिक्त इन्सेंटिव धनराशि दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने अस्पताल को 02 ब्लड सेपरेटर मशीन की संख्या बढ़ाकर 05 सेपरेटर मशीन रखने के निर्देश दिए। कहा कि ब्लड सेपरेटर मशीन के लिए अस्पताल को अलग से बजट उपलब्ध कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि डेंगू, मलेरिया एवं अन्य जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता एवं रोकथाम हेतु सभी स्कूलों को एडवाइजरी जारी की जाए।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डेंगू रोकथाम को लेकर की गई तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि वर्ष 2022 में डेंगू के 1434 तथा वर्ष 2023 तथा वर्ष 2024 में 37 मामले सामने आए थे। इस वर्ष अभी तक 21 मामले सामने आ चुके है। अस्तालों में डेंगू उपचार के लिए समुचित व्यवस्थाओं के साथ माइक्रोप्लान तैयार किया गया है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम हरिगिरि, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 मुकेश कुमार, सीएमएस डा0 प्रदीप चौहान, सीएमएस मसूरी डा0 यतेन्द्र सिंह, एसीएमओ डा0 सीएस रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढ़ौडियाल, नगर पालिका क्षेत्रों से अधिशासी अधिकारी, ब्लड बैंक के प्रतिनिधि सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।