
देहरादून: लेखक गाँव के स्पर्श हिमालय महोत्सव के अंतिम दिन के पहले सत्र में हिंदी गद्य की अन्य विधाओं पर मुख्य वक्ता के रूप मे डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल ने व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि अभी तक हिंदी गद्य की पैंतीस विधाएँ चर्चा में आ चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दी की अन्य विधाओं पर हमेशा रचनाएं होती रही लेकिन विकास की धारा में उनमे नवीनता आती रही है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग नया नाम टटोलते हुए नए नारे के साथ नई पताका फहराने की मंशा रखते हैं। उन्होंने पत्र साहित्य, चिट्ठी लेखनकथा, कहानी, अलोचना, विमर्श, कालजयी तथा अल्प जीवी सहित्य पर अपने विचार व्यक्त किए। इस सत्र के मुख्य अतिथि थे तेजेन्द्र शर्मा और कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रो कौशलेन्द्र उप्पध्याय ने की।




