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अलविदा ‘उस्ताद’,  मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन

विश्वविख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन और पांच बार ग्रैमी अवार्ड के विजेता उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया। इस बात की जानकारी उनके परिवार ने दी है। 73 साल के हुसैन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (फेफड़े की गंभीर बीमारी) की वजह से उनका निधन हो गया।  वो दो हफ्ते से हॉस्पिटल में एडमिट थे और तबीयत बिगड़ने के बाद ICU में थे।

सोमवार की सुबह उनके परिवार ने आधिकारिक बयान में पुष्टि की है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया के सबसे उत्कृष्ट संगीतकारों में से एक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में सैन फ्रांसिस्को में इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से निधन हो गया।

संगीत की दुनिया में जाकिर हुसैन को मिले कई पुरस्कार

जाकिर हुसैन ने 1991 में प्लैनेट ड्रम के लिए ‘ड्रमर मिकी हार्ट’ के साथ काम किया, जिसे उन्हें ग्रैमी अवॉर्ड मिला था। हुसैन ने कई फिल्मों के साउंडट्रैक के लिए भी काम किया। जाकिर हुसैन को 1991 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह अटलांटा में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए संगीत तैयार करने वाली टीम का हिस्सा बने थे। वह पहले भारतीय संगीतकार भी हैं, जिन्हें 2016 में एक्स अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा ‘ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट’ में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में इनवाइट किया गया था। जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

7 साल की उम्र में बने तबला वादक

जाकिर हुसैन एक प्रसिद्ध तबला वादक हैं, जिनका जन्म 9 मार्च, 1951 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा खान अपने दौर के मशहूर तबला वादक थे। उन्होंने तबला वादन की कला अपने पिता से सीखी। उस्ताद जाकिर हुसैन ने 7 साल की उम्र में संगीत समारोहों में तबला बजाना शुरू किया था। उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी।

 

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