
देहरादूनः राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने मधुबन होटल में ‘वैली ऑफ वर्ड्स’ इंटरनेशनल लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल के 9वें संस्करण का शुभारंभ किया। दो दिवसीय इस फेस्टिवल में देश-विदेश के अनेक प्रसिद्ध साहित्यकार, लेखक, कलाकार एवं विचारक भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न सत्रों में अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर आधारित भावपूर्ण “शब्द वाणी” प्रस्तुति से हुई, जिसने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ऐसे आयोजन संवाद, विचार और रचनात्मक अभिव्यक्ति को समाज तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि ‘वैली ऑफ वर्ड्स’ के माध्यम से उत्तराखण्ड की समृद्ध कला, संस्कृति और साहित्य को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच पर नई पहचान मिल रही है। राज्यपाल ने कहा कि हाल के वर्षों में देहरादून में साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों में वृद्धि हुई है, जिससे प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान स्थापित की है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए उपयोगी चर्चा सत्र और साहित्यिक गतिविधियाँ उपलब्ध कराना आयोजकों की दूरदर्शिता और रचनात्मकता का परिचायक है। राज्यपाल ने कहा कि साहित्य हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिबिंब है, जो राष्ट्र और समाज के चिंतन को दिशा देता है। आज आवश्यकता है कि हम अपने बच्चों और युवाओं में साहित्य और कला के प्रति सजगता, संवेदनशीलता और सृजनशीलता का वातावरण विकसित करें।
उन्होंने कहा कि साहित्य के माध्यम से हमारी राष्ट्रीय विरासत, इतिहास और संस्कृति को उजागर करना अत्यंत आवश्यक है। राज्यपाल ने ‘वैली ऑफ वर्ड्स’ के आयोजकों को इस फेस्टिवल के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएँ दीं और विश्वास व्यक्त किया कि इस मंच पर होने वाला चिंतन और मंथन समाज के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। कार्यक्रम के दौरान ‘वैली ऑफ वर्ड्स’ के निदेशक डॉ. संजीव चोपड़ा ने फेस्टिवल की रूपरेखा और उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी।




