उत्तराखंडराज्य

ग्राफिक एरा अस्पताल का नया कीर्तिमान, बिना ब्रेन खोले जटिल सर्जरी में सफलता

देहरादून: ग्राफिक एरा अस्पताल ने एक बार फिर चिकित्सा जगत में नया इतिहास रचते हुए अपनी उत्कृष्टता और अत्याधुनिक तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया है। अस्पताल के न्यूरोसाइंस विशेषज्ञों ने हॉर्मोनल कुशिंग डिज़ीज़ से पीड़ित दो मरीजों का ऐसा उपचार कर दिखाया, जिसमें बिना ब्रेन खोले जटिल सर्जरी पूरी की गई और मरीजों को नया जीवन मिला। यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक बड़ी चिकित्सकीय सफलता मानी जा रही है।

पहला मामला – 27 वर्षीय महिला की जिंदगी बचाई
देहरादून निवासी 27 वर्षीय महिला लंबे समय से अत्यधिक वजन बढ़ने, चेहरे पर सूजन, मानसिक रोग, अनियमित मासिक धर्म और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी। जांच के बाद पता चला कि वह कुशिंग सिंड्रोम – पिट्यूटरी माइक्रोएडेनोमा से पीड़ित थी।
अस्पताल की एंडोस्कोपिक ट्रांस-नेजल न्यूरो-नेविगेशनल तकनीक की मदद से बिना ब्रेन खोले सफल सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद महिला का वजन कम हुआ, चेहरे की सूजन घट गई और मासिक धर्म भी सामान्य हो गया।

दूसरा मामला – 24 वर्षीय युवती को मिला नया जीवन
दूसरी मरीज 24 वर्षीय युवती थी जो लगातार उच्च रक्तचाप (200/100), सिरदर्द, वजन बढ़ने और हार्मोनल असंतुलन जैसी गंभीर समस्याओं से परेशान थी। जांच में पता चला कि उसकी पिट्यूटरी ग्रंथि में 7-9 मिमी का ट्यूमर था। दवाओं से कोई फायदा नहीं होने पर विशेषज्ञों ने एंडोस्कोपिक ट्रांस-नेजल तकनीक से ऑपरेशन किया। सफल सर्जरी के बाद युवती का ब्लड प्रेशर सामान्य हो गया और सिरदर्द व अन्य लक्षण पूरी तरह खत्म हो गए।

विशेष तकनीक और विशेषज्ञों का योगदान
इन दोनों मामलों में पिट्यूटरी माइक्रोएडेनोमा पाया गया था। विशेषज्ञों ने मरीजों के नाक के रास्ते माइक्रोस्कोप और एंडोस्कोपी की मदद से ट्यूमर को हटाया और आसपास के हिस्सों को सुरक्षित रखा। इस टीम में न्यूरोसाइंस एवं न्यूरोसर्जरी विभाग के हेड डॉ. पार्था पी. विष्णु, वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. अंकुर कपूर, वरिष्ठ न्यूरोसर्जन व न्यूरो इंटरवेंशन स्पेशलिस्ट डॉ. पायोज पांडे, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पवेंद्र सिंह, एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. सुनील कुमार मिश्रा और न्यूरो-एनेस्थीसिया टीम शामिल रही।

अस्पताल की पहचान बनी उपलब्धियाँ
ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लगातार चिकित्सा जगत में नए मानक स्थापित कर रहा है। पहले भी अस्पताल बिना ऑपरेशन हार्ट की दो वाल्व बढ़ाने, बिना चीरा लगाए आहार नली खोलने और बिना हड्डी काटे ओपन हार्ट सर्जरी जैसी उपलब्धियां हासिल कर चुका है। इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक डॉ. पुनीत त्यागी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गुरदीप सिंह झीते, डीन डॉ. एस.एल. जेठानी और सीईओ अतुल बहल भी मौजूद रहे।

यह उपलब्धि दर्शाती है कि उत्तराखंड अब सुपर-स्पेशलिटी हेल्थकेयर का हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है, और मरीजों को जटिल बीमारियों के इलाज के लिए महानगरों का रुख करने की आवश्यकता नहीं है।

 

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