
देहरादून: ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एन.ए.बी.एच) के सबसे शीर्ष स्टैंडर्ड (6वंे संस्करण) की मान्यता प्राप्त करने वाला यह देश का पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है।
एन.ए.बी.एच मान्यता को भारत में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा का स्वर्ण मानक माना जाता है। एन.ए.बी.एच अब तक पांचवें संस्करण की मान्यता प्रदान करता आ रहा था, जिसमें 500 मापदंड शामिल थे। इन सभी पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही इसकी मान्यता दी जाती थी। इसके हाल ही में लागू किए गए छठे संस्करण में 600 से अधिक कठोर मापदंड जिनमें रोगी सुरक्षा, क्लीनिकल गुणवत्ता, आधुनिक चिकित्सा शिक्षा, संक्रमण नियंत्रण और अकादमिक एकीकरण जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हंै। इन चुनौती पूर्ण मानकों पर खरा उतरकर ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता और विश्वास का पर्याय बन गया है।
इस उपलब्धि पर ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक मान्यता नहीं बल्कि संस्थान की उस सोच और दृष्टिकोण की पुष्टि है जिसके केंद्र में हमेशा उत्कृष्टता रही है। उन्होंने कहा कि यह मील का पत्थर रोगियों को बेहतरीन विशेषज्ञता और दुनिया की सबसे नई टेक्नोलॉजी के साथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, पेशेगत उच्च मानदंडों को अपनाने और सेवा भावना से कार्य करने का सुफल है। डा. घनशाला ने कहा कि ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज का लक्ष्य केवल डॉक्टर तैयार करना नहीं है बल्कि ऐसे संवेदनशील और जिम्मेदार चिकित्सक बनना है जो समाज की सेवा को अपना धर्म माने।
इस उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज हर क्षेत्र में नए मानक गढ़ने की क्षमता और संकल्प रखता है। यह मान्यता केवल संस्थान की सफलता नहीं बल्कि उत्तराखंड और पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी अग्रणी भूमिका को और मजबूत करते हुए ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज ने एक नई पहचान स्थापित की है और लोगों का विश्वास जीता है।