उत्तराखंडराज्य

माणा हादसाः हादसे में आठ की मौत, 46 मजदूर बचाये

  • गंभीर रूप से घायल दो श्रमिकों का एम्स में जारी है इलाज

देहरादून: माणा के पास हिमस्खलन में की चपेट में आकर लापता चल रहे चार श्रमिकों के शव रविवार को खोज एवं बचाव दलों ने बरामद किए। इस हादसे में मरने वालों की संख्या आठ तक पहुंच गयी है। चार श्रमिकों के शव शनिवार को बरामद कर लिए गए थे। इस प्रकार अब तक कुल आठ श्रमिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। रविवार को लापता चल रहे दून निवासी श्रमिक अरविंद का भी शाम को शव बरामद हो गया।

खोज एवं बचाव दलों द्वारा उसका रेस्क्यू किए जाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया गया। आपदा सचिव विनोद सुमन ने बताया कि ज्योतिर्मठ में मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम किए जाने की कार्यवाही गतिमान है। मृतकों के शवों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि सुरक्षित रेस्क्यू किए गए 44 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां सभी की स्थिति सामान्य है। उनके उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
गंभीर रूप से घायल दो श्रमिकों का एम्स ऋषिकेश में उपचार किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश प्रशासन से प्राप्त सूचना के अनुसार उनकी स्थिति में सुधार है।नोटः-सूची के कम संख्या 05, 06, 07 में अंकित श्रमिक वह हैं, जिनके शव रविवार, दिनांक, 02/03/2025 को बरामद हुए हैं।

घायल प्रभवितों ने बचाव अभियान को सराहा

ज्योतिर्मठ स्थिति सेना के अस्पताल में 44 श्रमिकों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है। 44 श्रमिकों में सभी खतरे से बाहर है। उपचार ले रहे श्रमिकों में पिथौरागढ़ के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि मुझे तो बचने की उम्मीद ही नहीं थी लेकिन सरकार के रेस्क्यू अभियान के कारण आज मैं बिल्कुल सुरक्षित हूं।इसी क्रम में उत्तरकाशी के रहने वाले मनोज भंडारी ने रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा की। भारतीय सेना और प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतने मुश्किल समय में सरकार ने हमारी बहुत मदद की । सेना अस्पताल मे ही उपचार करवा रहे मुरादाबाद के विजयपाल ने बताया कि 28 फरवरी को जब ग्लेशियर से हमारे कंटेनर पर गिरा तो हम घबरा गए लेकिन आर्मी कैंप में हमें सेना ने सुरक्षित रात भर रखा और अगले दिन रेस्क्यू अभियान में हमें सेना के अस्पताल ज्योतिर्मठ में सुरक्षित लाया गया।

इस प्रकार घटना के बाद चलाए गए रेस्क्यू अभियान की घायलों ने सराहना की। सेना के अस्पताल में भर्ती श्रमवीरों ने कहा भारतीय सेना,आई. टी.बी.पी, वायुसेना , एन.डी.आर. एफ, एस.डी.आर.एफ और जिला प्रशासन की ओर से तेजी से चलाए गए रेस्क्यू अभियान के कारण ही वे सुरक्षित हैं। उन्होंने रेस्क्यू अभियान को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित रेस्क्यू में जुटी पूरी टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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