
देहरादून: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की NARI-2025 रिपोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की असलियत को पूरी तरह सामने ला दिया है। इस रिपोर्ट में देहरादून को देश के सबसे असुरक्षित शहरों में गिना गया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सवाल ये है कि जब राजधानी देहरादून ही महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है, तो बाकी पहाड़ और मैदान में रहने वाली बेटियों का क्या होगा? भाजपा सरकार ने महिला सुरक्षा को सिर्फ चुनावी जुमला बना दिया।
भाजपा सरकार की नाकामी साफ है। महिलाओं के खिलाफ अपराध रोज़ाना बढ़ रहे हैं। छेड़छाड़, उत्पीड़न, दुष्कर्म और घरेलू हिंसा की घटनाओं पर पुलिस व प्रशासन पूरी तरह विफल हैं।
“बेटी बचाओ” का नारा देने वाली भाजपा खुद बेटियों के अपमान की सबसे बड़ी दोषी बन चुकी है।
भाजपा नेताओं का काला चेहरा जनता के सामने आ चुका है। भाजपा आज नैतिकता की बात करती है, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों का दामन दागदार है।
माहरा ने कहा कि सल्ट, लालकुआं, चंपावत और संतरेसा में भाजपा के पदाधिकारियों के नाम बलात्कार जैसे घिनौने अपराधों में सामने आए और इन पर बलात्कार के मुकदमें दर्ज हैं। और आज भी इनमें से भाजपा के कई पदाधिकारी ज़मानत पर बाहर हैं। हरिद्वार में भाजपा की ही महिला पदाधिकारी अपनी बेटी का शोषण करवाती रही।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री का बेटा शामिल था, लेकिन “वीआईपी” का नाम आज तक उजागर नहीं किया गया।
क्या यही है भाजपा का “बेटी बचाओ” अभियान? असलियत ये है कि भाजपा को बेटियों की नहीं, अपराधियों की चिंता है।
कहा कि, आज हर बेटी की आंखों में आंसू हैं और हर मां का दिल सवाल कर रहा है कि क्या भाजपा के राज में बहन-बेटियों को जीने का भी हक नहीं है?
यह भाजपा सरकार की असली तस्वीर है। सत्ता सुरक्षित है, लेकिन बेटियां असुरक्षित हैं। अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है, लेकिन पीड़िताओं को न्याय नहीं मिल रहा है। जनता से किए गए हर वादे खोखले साबित हुए हैं। आज भाजपा सरकार का राज उत्तराखंड की महिलाओं के लिए भय का राज बन चुका है।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के राज में बेटी होना ही सबसे बड़ा अपराध है।
देहरादून का असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल होना केवल रिपोर्ट नहीं है, यह भाजपा सरकार की नाकामी का चार्जशीट है।
पत्रकार वार्ता में सूर्यकांत धस्माना व सुजाता पॉल मौजूद रहे।