उत्तराखंडराज्य

SGRR मेडिकल कॉलेज में उत्साहपूर्वक मनाया गया राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह 2025

देहरादून: श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज (एसजीआरआरआईएमएण्डएचएस), देहरादून के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह 2025 बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। 17 से 23 सितंबर तक चलने वाले इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य दवाइयों के सही उपयोग, उनके दुष्प्रभाव, भ्रांतियों और रोगी सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को आम जनता और स्वास्थ्यकर्मियों तक पहुँचाना रहा।

सप्ताह के तीसरे दिन शनिवार को वाॅकथॉन का आयोजन किया गया। इसमें एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर दवा सुरक्षा और एडवर्स ड्रग रिएक्शन (एडीआर) के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया। कार्यक्रम में माननीय चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने स्वयं छात्र-छात्राओं से बातचीत कर उन्हें प्रेरित किया कि वे रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं की तुरंत रिपोर्ट करें।इस अवसर पर श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज में फार्माकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शक्ति बाला दत्ता ने बताया कि फार्माकोविजिलेंस सप्ताह प्रतिवर्ष 17 से 23 सितंबर तक मनाया जाता है और इसका मकसद मरीजों और डॉक्टरों के बीच दवाओं के सुरक्षित उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाना है। उन्होंने प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं के कई उदाहरण साझा किए, जैसेःएंटीबायोटिक दवा से एलर्जी के कारण खुजली या सांस लेने में कठिनाई, दर्द निवारक दवाओं के अत्यधिक प्रयोग से पेट दर्द या अल्सर, ब्लड प्रेशर की दवाओं से चक्कर आना, तथा शुगर की दवाओं से हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या।

निदेशक डॉ. मनोज कुमार गुप्ता एवम् चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव रतूड़ी ने भी रोगी सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि एडीआर रिपोर्टिंग स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का एक अहम माध्यम है। अस्पताल परिसर में मरीजों के बीच बैनर और पैम्फलेट भी वितरित किए गए ताकि उन्हें एडीआर रिपोर्टिंग के महत्व के बारे में जानकारी दी जा सके।

फार्माकोलॉजी विभाग, एसजीआरआरआईएमएचएस का एडीआर निगरानी केंद्र प्रतिमाह संकलित रिपोर्टों को भारतीय फार्माकोलॉजी आयोग, गाजियाबाद को भेजता है। इस अभियान में विभाग के संकाय सदस्यों डॉ. सुमन बाला, डॉ. शालू बावा, डॉ. रश्मि सिंगला, डॉ. कविता, डॉ. भावना, डॉ. छवि जैन, डॉ. श्रुति मल्होत्रा, बिपिन टम्टा सहित तकनीकी कर्मचारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। पूरे सप्ताह हुए आयोजनों ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि दवाइयाँ जीवन बचाती हैं लेकिन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हर किसी की जिम्मेदारी है। किसी भी प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया को नजरअंदाज न करें और तुरंत रिपोर्ट करें, क्योंकि “आपकी सुरक्षा बस एक क्लिक दूर है।”

 

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