
- अंतरिक्ष तकनीक, नवाचार और ग्रामीण मॉडल पर हुई चर्चाएं
देहरादून: उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा शनिवार को आंचलिक विज्ञान केंद्र, देहरादून में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी – “यंत्र–युगांतर : नवाचार, अनुसंधान और तीव्रता की ओर”।
कार्यक्रम में यूकॉस्ट के महानिदेशक दुर्गेश पंत ने युवाओं को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को परिषद की सहायता प्रणालियों का लाभ उठाकर अपने विचारों को सस्टेनेबल स्टार्टअप्स में बदलना चाहिए।
स्वागत उद्बोधन में यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डी.पी. उनियाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी आज जीवन के हर क्षेत्र—स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन का अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है।
भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) के वैज्ञानिक हरीश चंद्र कर्नाटक ने “अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों” पर प्रस्तुति दी। उन्होंने इसरो की यात्रा, उपग्रह प्रक्षेपण, पृथ्वी अवलोकन प्रणाली और जियो-पोर्टल्स की जानकारी दी। साथ ही छात्रों को इसरो के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए अंतरिक्ष क्षेत्र में करियर के लिए प्रेरित किया।
पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दिनेश त्यागी ने विज्ञान और तकनीक को जीवनशैली में बदलाव और सतत विकास का आधार बताते हुए ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में तकनीक आधारित व्यावसायिक मॉडल की बात रखी।
इस अवसर पर आईआईआरएस के वैज्ञानिक सी.एम. भट्ट, पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से सामंत रे सहित कई विशेषज्ञ मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन यूकॉस्ट की वैज्ञानिक अधिकारी जागृति उनियाल ने किया और समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ मनमोहन रावत ने किया।
कार्यक्रम में 200 से अधिक छात्र-छात्राएं, शिक्षक और परिषद के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। यह आयोजन युवाओं को विज्ञान और तकनीक के जरिए सामाजिक बदलाव से जोड़ने का प्रेरक मंच बना।