
कोटद्वार/पौड़ी गढ़वाल: देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, रचनात्मकता, संस्कृति एवं भाषा के संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को “राष्ट्रीय शिक्षा रत्न पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान समारोह प्रथ्वी अभ्युद्य एजुकेटर एसोसिएशन इंडिया (PAAI) द्वारा एमिटी विश्वविद्यालय, मोहाली (पंजाब) में भव्य रूप से आयोजित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती, पूर्व लोकसभा सांसद (राजस्थान) तथा विशिष्ट अतिथि राजेंद्र सिंह (आईपीएस), पूर्व डीजीपी पंजाब, डॉ. वी.के. शर्मा, पूर्व डीआई मोहम्मद आरिफ और एमिटी विश्वविद्यालय मोहाली के वाइस चांसलर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन PAAI संस्था के संस्थापक डॉ. हर्षवर्धन सिंह के नेतृत्व में किया गया, जिनके मार्गदर्शन में यह राष्ट्रीय स्तर का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
उत्तराखंड से कुल 9 शिक्षक-शिक्षिकाओं को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ, जिनमें से पौड़ी गढ़वाल से तीन प्रेरणास्पद शिक्षिकाएं शामिल हैं:
• रश्मि उनियाल, सहायक अध्यापक (विज्ञान), राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ग्रसटोंगंज, कोटद्वार
• कविता असवाल, सहायक अध्यापक (अंग्रेज़ी), राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुलिंडा, दुगड्डा
• सरीका केश्टवाल, प्रवक्ता (रसायन), सकिन खेत, रिखणीखाल।
इन सभी को शैक्षिक नवाचार, विद्यार्थियों में वैज्ञानिक व रचनात्मक दृष्टिकोण के विकास, विद्यालय के भौतिक व बौद्धिक स्तर को ऊँचाई तक पहुँचाने, तथा स्थानीय संस्कृति, भाषा और परंपराओं के संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान हेतु यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
यमुनाघाटी से भी 6 शिक्षकों को यह पुरस्कार मिला, जिससे राज्य के शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष मान्यता मिली है।
यह सम्मान न केवल इन शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि उत्तराखंड की शिक्षण परंपरा की एक गौरवशाली उपलब्धि भी है।