
पौड़ी गढ़वाल: वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार ने नए सत्र के लिए स्नातक (B.Sc), स्नातकोत्तर (M.Sc) और Ph.D कोर्सेज में दाखिले की प्रक्रिया शुक्रवार से प्रारम्भ कर दी है।
विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो० परविन्दर कौशल के कुशल नैतृत्व एवं प्रयासों से विश्वविद्यालय में नये प्राध्यापकों की नियुक्ति के उपरान्त उनके मार्गदर्शन में भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा 05 वर्षों के लिए विश्वविद्यालय को मान्यता (Accreditation) प्रदान की गई है।
भरसार विश्वविद्यालय अब न केवल उत्तराखण्ड बल्कि देशभर में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में अपने चौमुखी विकास की ओर अग्रसर है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव, प्रो० एस० पी० सती ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद नई दिल्ली से मान्यता (Accreditation) उपरान्त विश्वविद्यालय में अनुदान की कोई कमी नहीं होगी, जिससे शिक्षण, अनुसंधान एवं प्रसार सम्बन्धी कार्य तीव्र गति से गतिमान होंगे।विश्वविद्यालय के समन्वयक प्रवेश परीक्षा प्रो० वी पी खण्डूड़ी ने बताया कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार के विभिन्न पाठ्यक्रमों (स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पी०एच.डी०) में प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन 23 मई से 24 जून तक कर सकते हैं।
प्रवेश परीक्षा 13 जुलाई को उत्तराखण्ड के पांच विभिन्न केन्द्रों मे करायी जायेगी। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक हेतु तीन पाठ्यक्रम, स्नातकोत्तर में 17 पाठ्यक्रम एवं पी एचडी में 11 पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालय में संचालित हैं।
पाठ्यक्रमों में आगामी सत्र 2025-26 से पी०एच०डी० में 05 नये विषयों, एम०एस०सी० में 4 नये विषयों को सम्मिलित किया गया है। इच्छुक अभ्यर्थी स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पी०एच०डी० में प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय की वैवसाइट www.uuhf.ac.in अथवा दिये गये लिंक https://vcsguuhf.org/frm_signup.aspx पर लॉग इन कर ऑनलाइन आवेदन सकते हैं। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से संचालित होने वाले पाठ्यक्रमों का महाविद्यालय वार विवरण देखें।
क-स्नातक :
- बी० एस.सी० वानिकी (वानिकी महाविद्यालय, रानीचौरी)
- बी० एस.सी० कृषि (कृषि महाविद्यालय, चिरबटिया, रानीचौरी परिसर)
- बी० एस.सी० औद्यानिकी (औद्यानिकी महाविद्यालय भरसार)
ख- परास्नातक :
औद्यानिकी महाविद्यालय भरसार हेतु :-
- एम० एस.सी० (औद्यानिकी) फल विज्ञान
- एम० एस.सी० (औद्यानिकी) सब्जी विज्ञान
- एम० एस.सी० (औद्यानिकी) फ्लोरीकल्चर एण्ड लैण्डस्केपिंग
- एम० एस.सी० (औद्यानिकी) प्लांटेशन, स्पाइसेज, मेडिशिनल एण्ड एरोमैटिक क्रॉप्स
- एम० एस.सी० (औद्यानिकी) पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेन्ट
- एम० एस.सी० (कृषि) कीट विज्ञान
- एम० एस.सी० (कृषि) पादप रोग विज्ञान
- एम० एस.सी०, (कृषि) मृदा विज्ञान
- एम० एस.सी०, (कृषि) जेनेटिक्स एवं प्लांट ब्रीडिंग
क्रमशः 2
-2-
वानिकी महाविद्यालय रानीचौरी हेतु :-
- एम० एस.सी० (वानिकी) सिल्वीकल्चर एवं कृषि वानिकी
- एम० एस.सी० (वानिकी) फॉरेस्ट बायोलोजी एवं ट्री इम्प्रूवमेन्ट
- एम० एस.सी० (वानिकी) वन उत्पाद एवं उपयोगिता
- एम० एस.सी० (वानिकी) वन संसाधन प्रबन्धन
- एम० एस.सी०, पर्यावरण विज्ञान
कृषि महाविद्यालय, चिरबटिया (रानीचौरी परिसर) हेतु :-
- एम० एस.सी०, (कृषि) प्रसार शिक्षा
- एम० एस.सी०, (कृषि) सस्य विज्ञान
- एम० एस.सी०, (कृषि) पादप रोग विज्ञान
- एम० एस.सी०, (कृषि) जेनेटिक्स एवं प्लांट ब्रीडिंग
- एम० एस.सी०, (कृषि) सूक्ष्म जीव विज्ञान
- एम० एस.सी० (औद्यानिकी) फल विज्ञान
ग- पी० एच.डी० :
औद्यानिकी महाविद्यालय भरसार हेतु :-
- पी० एच.डी० (औद्यानिकी) फल विज्ञान
- पी० एच.डी० (औद्यानिकी) प्लांटेशन, स्पाइसेज, मेडिशिनल एण्ड एरोमैटिक क्रॉप्स
- पी० एच.डी० (औद्यानिकी) सब्जी विज्ञान
- पी० एच.डी० (औद्यानिकी) पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेन्ट
वानिकी महाविद्यालय रानीचौरी हेतु :-
- पी० एच.डी० (वानिकी) सिल्वीकल्चर एवं कृषि वानिकी)
- पी० एच.डी० (वानिकी) फॉरेस्ट बायोलोजी एवं ट्री इम्प्रूवमेन्ट
- पी० एच.डी० (वानिकी) वन उत्पाद एवं उपयोगिता
- पी० एच.डी० (वानिकी) वन संसाधन प्रबन्धन
- पी० एच.डी० पर्यावरण विज्ञान
कृषि महाविद्यालय, चिरबटिया (रानीचौरी परिसर) हेतु :-
- पी० एच.डी० सस्य विज्ञान
- पी० एच.डी० पादप रोग विज्ञान