
- धांधली को लेकर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से की शिकायत
- पंचायत आरक्षण रोस्टर और मतदाता सूचियों में गड़बड़ी का आरोप
- पीठासीन अधिकारियों को सख्त निर्देश देने की मांग, निष्पक्षता का भरोसा
देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर कांग्रेस का सरकार पर हमला लगातार तेज होता जा रहा है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी भाजपा ने आरक्षण प्रक्रिया और मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियां करवाई हैं। इसी सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार से मिला।
करण माहरा ने आरोप लगाया कि आरक्षण रोस्टर में जानबूझकर हेरफेर कर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्ग की सीटों का संतुलन बिगाड़ा गया। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बावजूद अभी तक मतदाता सूची की हार्ड कॉपी जनता को नहीं दी गई।
यशपाल आर्य ने कहा कि हाल ही में संपन्न निकाय चुनावों में जो लोग नगर मतदाता थे, उन्हें अब पंचायत चुनावों के लिए तैयार की गई ग्रामीण मतदाता सूचियों में शामिल कर दिया गया है। उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों को मतदान और चुनाव लड़ने से रोका जाए और इस संबंध में पीठासीन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं।गणेश गोदियाल ने कहा कि आरक्षण की अंतरिम सूची में भी भारी अनियमितताएं हुई हैं और अंतिम सूची बिना आपत्तियों के प्रकाशित कर दी गई। सूर्यकांत धस्माना ने निकाय चुनावों की तर्ज पर विरोधी दलों के प्रत्याशियों के नामांकन रद्द करवाने की आशंका जताई और कहा कि इस बार ऐसी कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए आयोग को पहले से निर्देश जारी करने चाहिए।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि पंचायत चुनाव पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता से कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों और चुनाव अधिकारियों को इस संबंध में सख्त निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के सह प्रभारी सुरेन्द्र शर्मा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना, विधायक विक्रम सिंह नेगी, विधायक लखपत बुटोला, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला, अमरजीत सिंह, प्रदेश महासचिव नवीन जोशी, प्रवक्ता गिरिराज किशोर हिंदवाण, प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, मुरारी लाल खंडेलवाल, अखिलेश उनियाल और अश्विनी बहुगुणा सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे।