उत्तराखंडराज्य

पंचायतीराज सदस्यों को मिलेगा तकनीकी और वित्तीय प्रशिक्षण

ग्रामीणों को मिलेंगी सभी सेवाएं एक ही स्थान पर

देहरादून: मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सबको समेकित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में एकीकृत पंचायत भवनों के निर्माण के निर्देश दिए। इन भवनों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा आदि के लिए एक स्थान पर ही व्यवस्था होगी। इनके एक साथ बैठने के लिए रोस्टर भी बनाया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में बजट नियोजन को और बेहतर बनाया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो। उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग यह भी आकलन करे कि आगामी 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित होगा। यह आकलन राज्य के समग्र विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा।

उन्होंने सुझाव दिया कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस को उत्सव के रूप में मनाने के लिए ग्रामवासियों से संवाद किया जाए और इसके लिए एक नियमित कैलेंडर तैयार किया जाए। ग्राम स्तर पर मेले, मिलन कार्यक्रम, प्रबुद्धजनों की जयंती एवं अन्य विशेष अवसरों पर भी स्थापना दिवस मनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र और जिला पंचायतों में समेकित एवं संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाए ताकि कोई क्षेत्र या व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित न रहे।

उन्होंने पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग, ई-गवर्नेंस, और जनभागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता जताई। पंचायतों के कार्यों का ऑडिट कर उसे सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए और पंचायत स्तर पर शिकायतों के समाधान के लिए समयबद्ध ढांचा तैयार किया जाए।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, और निदेशक पंचायती राज निधि यादव उपस्थित थे।

 

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