
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल को जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों को आवासीय भूखंड आवंटन में गड़बड़ी की कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
पुलमा देवी के प्रकरण के बाद ऐसे मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है।
इस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने सचिव सिंचाई, उत्तराखण्ड शासन को इन मामलों की जांच के लिए CBCID या विजिलेंस से जांच कराने की संस्तुति भेजी है।
प्रशासन ने भू-माफियाओं और घोटालेबाजों को जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। ज्ञात हो कि पूर्व में किए गए भूखंड आवंटन में लगातार विवाद और लैण्डफ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। इन मामलों में पारदर्शिता लाने के लिए जिला प्रशासन हर संभव कानूनी कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है।जनता दर्शन में आए पुलमा देवी, सुमेर चन्द, हेमन्त कुमार, शैलेन्द्र कुमार और अजय चौहान जैसे शिकायतकर्ताओं के मामलों में यह सामने आया कि एक ही भूखंड को दो बार आवंटित किया गया, या फिर पहले से कब्जे में होने के बावजूद नए लोगों को भूखंड आबंटित कर दिए गए।
उदाहरण के तौर पर, पुलमा देवी द्वारा 2007 में क्रय की गई भूमि पर किसी अन्य महिला ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। जांच में पता चला कि उसी भूखंड को विभाग ने पहले किसी अन्य व्यक्ति को भी आवंटित किया था।
इसी तरह, अटकफार्म और अजबपुरकलां क्षेत्रों में भी भूखंडों के दोहरे आवंटन, जालसाजी और कब्जा विवाद सामने आए हैं।
इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने टिहरी बांध पुनर्वास और THDC से जुड़े सभी संदिग्ध प्रकरणों की विशेष जांच कराने की संस्तुति शासन को भेजी है, ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके और भविष्य में पुनर्वास प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके।