उत्तराखंड

SGRRU एवं हैस्को पर्यावरण संरक्षण में साथ मिलकर करेंगे काम

  • एसजीआरआरयू और हैस्को के बीच होगा अनुबंध
  • पर्यावरण संरक्षण को लेकर दोनों संस्थान मिलकर करेंगे काम
  • डॉ. अनिल जोशी ने कहा अब प्रकृति को प्रभू के स्वरूप में देखना होगा

देहरादून: हैस्को के संस्थापक एवम् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने बुधवार को श्री दरबार साहिब में मत्था टेका। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) एवम् हैस्को अनुबंध करेगा दोनेां संस्थान पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर मिलकर काम करेंगे। डॉ. अनिल जोशी ने श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के साथ शिष्टाचार भेंट की और आशीर्वाद प्राप्त किया। दोनों के मध्य पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कई महत्तवपूर्णं मुद्दों, जलवायु परिवर्तन, समय पर वर्षा न होने और साधनों के अभाव जैसे कारणों से आग से वनों को होने वाली क्षति जैसे मुद्दों पर गहन विचार विमर्श हुआ। डॉ. अनिल जोशी ने श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज को हिमालयी पर्यावरण अध्ययन एवम् सरंक्षण केन्द्र (हैस्को) आने का निमंत्रण दिया।

बुधवार को श्री दरबार साहिब की परंपरा के अनुसार हैस्को के संस्थापक एवम् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी का स्वागत किया गया। शिष्टाचार भेंट के दौरान डॉ. अनिल जोशी ने पर्यावरण के प्रति चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस मौके पर कहा अब प्रकृति को प्रभू के स्वरूप में देखना होगा। प्रकृति को प्रभु से जोड़कर प्रभु की प्राप्ति की जा सकती है। यह नई विचारधारा पर्यावरण को संरक्षित एवम् सवंद्धित करने का वर्तमान भी है और सुरक्षित भविष्य भी। उन्होंने प्रकृति से प्रभु मिलन का नया संदेश दिया। इस मौके पर दीपावली को ईको फ्रेंडली (पर्यावरण के अनुकूल) मनाने का संदेश दिया गया।

पर्यावरण संरक्षण में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय और एसजीआरआर के संस्थान महत्वपूर्णं काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसजीआरआर ग्रुप जमीनी स्तर पर काम करने वाला और जन मुद्दों को समझने वाला विराट संस्थान है। यदि प्रर्यावरण संरक्षण में एसजीआरआर ग्रुप का योगदान व सहयोग मिल जाए जो प्रदेश में बड़ी मुहिम चलाई जा सकती है। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में एसजीआरआर ग्रुप के संस्थान हैस्को के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करेंगे।

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