उत्तराखंड

Uttarakhand : एसटीएफ ने करोड़ों के चीनी निवेश धोखाधड़ी का किया भंडाफोड़

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने 21 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की शिकार देहरादून की महिला की शिकायत की जांच के दौरान करोड़ों के चीनी निवेश घोटाले का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने पूरे भारत वर्ष में ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन लोगों को कल गुड़गांव में प्लेटिना टावर की पार्किंग से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नं0 IMEI सम्बन्धित मोबाइल हैण्डसेट सहित 5 मोबाइल फोन, 5 क्रेडिट कार्ड, 9 एटीएम कार्ड व 2 आधार कार्ड बरामद किए हैं।

गिरफ्तार अभियुक्त मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से दुबई में बैठे अन्तराष्ट्रीय साइबर गिरोह के सम्पर्क में रहकर उनके इशारे पर भारत में ठगी करते थे। गिरोह द्वारा टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से जानी मानी विभिन्न विदेशी कम्पनियों के अधिकारी/कर्मचारी बताकर विभिन्न फर्जी वेबसाइटों में रजिस्ट्रेशन करवाकर ट्रेडिंग एवं ट्रेडिंग हेतु खुलवाये गये एकाउण्ट को रिचार्ज कराने आदि के नाम पर धनराशि जमा करायी जाती थी। अभियुक्तगणों द्वारा विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बाईनेन्स एप्प के माध्यम से USDT  क्रिप्टो करेंसी खातों में धनराशि का लेनदेन भी प्रकाश में आया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 आयुष ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि देहरादून  स्थित सरस्वती विहार नेहरु कॉलोनी निवासी पीड़ित द्वारा माह जून 2024 में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर अभियोग पंजीकृत कराया गया,  जिसमें पीडित द्वारा बताया गया कि उसे टेलीग्राम एप्प के माध्यम से दिनांक 12.05.2024 को एक मैसेज आया था जिसमें उसे घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था और घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया गया। जिसके बाद वह ग्रुप सदस्यों के बताये अनुसार Harvey Norman नामक इलैक्ट्रोनिक उपकरणों की नामी कम्पनी के एक टेलीग्राम गुप में जुड गयी जिसका नाम Harvey’s Appliances Crew 1319 था। इस ग्रुप से उसे एक वेबसाईट https://www.hvnorman-search1.net पर रजिस्ट्रेशन कराकर एकाउण्ट बनवाया गया जहां वर्क फ्रॉम होम के नाम पर मिले टास्क को वेबसाईट में अपने एकाउण्ट में जाकर पूरा करना होता था शुरू में इसके माध्यम से उसे 40 टास्क पूरे करने का लक्ष्य दिया गया था। टास्क पूरे करने पर कम्पनी द्वारा उसे 2500 रूपये उसके यूनियन बैंक के अकाउन्ट पर प्राप्त हो गये। इसके बाद टास्क शुरू होने पर उसे फेडरल बैंक के खाता संख्या 13410100076005 में रू0 10500/- जमा करने को कहा गया, इसके बाद इनकी वेबसाईट पर बने उसके एकाउण्ट में इनके द्वारा प्राफिट के साथ उसे 19000 रूपये उसके खाते में ट्रांसफर किये गये। ग्रुप में जानकारी दी गई कि यदि आपने अपने कम्पनी में बने एकाउण्ट को रिचार्ज नहीं किया तो आपके द्वारा कम्पनी में जमा किये गये पैसों के नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे, जिस कारण टास्क कम्पलीट करने के लिये इनके कहे अनुसार उसके द्वारा अलग-अलग अकाउन्ट में अलग अलग धनराशि जमा की गयी। जैसे ही उनकी साईट में उसे प्रॉफिट के साथ 4175017.00 रूपये दिखा तो उसने कैश आउट करने का प्रयास किया तो उसमें एक अलर्ट मैसेज आया कि आपको 50 प्रतिशत सिक्योरिटी के तौर पर जमा करना होगा। जिस पर मेरे द्वारा टेलीग्राम पर मैसेज किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि आपको 50 प्रतिशत सिक्योरिटी के नाम पर जमा करना ही पड़ेगा तभी आप पैसा निकाल पाओगे। इनके द्वारा उसे उसके स्वयं का पैसा निकालने के लिए बार-बार और अधिक पैसा जमा करने को कहने पर शक होने पर उसे एहसास हुआ कि साईबर ठगों द्वारा स्वयं को Harvey Norman नाम की कम्पनी का अधिकारी/कर्मचारी बताकर उसे ऑनलाईन वर्क फ्राम होम से कम समय मे अच्छा लाभ कमाने का प्रलोभन देकर उसके साथ 21,19,371/- रुपये की साईबर ठगी की जा चुकी है।

प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 द्वारा घटना के शीघ्र अनावरण हेतु पुलिस टीम गठित कर अभियोग के सफल एवं शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधडी से ठगी गयी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित किया गया था।

विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना से सम्बन्धित अभियुक्तों को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म के हैं जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहते थे । साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कार्यवाही करते हुये अभियोग में संलिप्त 03 अभियुक्त  गण  1- प्रथम शौकीन पुत्र अतुल शौकीन  उम्र-24 वर्ष, 2- सुभाष शर्मा पुत्र अनुप चन्द्र शर्मा उम्र-25  वर्ष व 3- मुकुल गोधारा पुत्र कुलदीप गोधारा उम्र-20 वर्ष को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस एलर्ट नं0  IMEI सम्बन्धित मोबाइल हैण्डसेट सहित 05 मोबाइल फोन, 05 क्रेडिट कार्ड , 09 एटीएम कार्ड व 02 आधार कार्ड बरामद हुए है ।

पूछताछ से यह तथ्य प्रकाश में आये कि अभियुक्त मुकुल गोधरा उपरोक्त द्वारा अपने परिचितों अथवा जरुरतमन्दों को कुछ रुपये देकरअथवा कमिशन देकर उनकी आई0डी0 पर बैंक खाते खुलवाकर उक्त साईबर धोखाधडी के लिये बैंक खातों का इन्तजाम किया जाता था तथा उक्त बैंक खातों को अपने सह अभियुक्त  प्रथम शौकीन व सुभाष शर्म उपरोक्त को उपलब्ध कराये जाते थे।  उक्त सभी अभियुक्त गण आपस में DUBAI AUGUST, Usdt 97 Hongkong, Chinese Usdt आदि Whatsapp ग्रुपों के माध्यम से अपने अन्य सह अभियुक्तों सहित अन्तर्राष्ट्रीय विदेशी साइबर ठगों के सम्पर्क में थे एवं धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बाईनेन्स एप्प, Trust Wallet के माध्यम से USDT  क्रिप्टो करेंसी खातों में स्थानान्तरित कर कमिशन के रुप में मुनाफा प्राप्त कर आपस में बांट

अपराध का तरीका:-

अभियुक्तों ने पीड़ितों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया, स्वयं को हार्वे नॉर्मन जैसी जानी-मानी विदेशी कंपनियों के अधिकारी/कर्मचारी बताते हुए। उन्होंने पीड़ितों को इन कंपनियों में ऑनलाइन वर्क-फ्रॉम-होम के अवसरों के माध्यम से जल्दी और महत्वपूर्ण मुनाफा कमाने का वादा करके आकर्षित किया। इसके लिए पीड़ितों को ‘हार्वे’स एप्लायंसेज क्रू 1319’ नामक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया।

पीड़ितों को एक फर्जी वेबसाइट पर पंजीकरण करने और खाता खोलने के लिए कहा गया। ट्रेडिंग से संबंधित वर्क-फ्रॉम-होम कार्यों के नाम पर उन्हें विभिन्न कार्य दिए गए। इन कार्यों को पूरा करने पर, पीड़ितों द्वारा जमा की गई राशि को वेबसाइट पर मुनाफे के साथ दिखाया गया, जिससे वे लालच में आकर और अधिक धनराशि जमा कराने के लिए प्रेरित हो गए। इस प्रकार, धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।

धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को बिनेंस ऐप और ट्रस्ट वॉलेट के माध्यम से USDT क्रिप्टोकरेंसी खातों में स्थानांतरित किया गया, जिसमें विदेशों में स्थित साइबर ठगों की मदद ली गई। इसके बाद लाभांश के रूप में प्राप्त मुनाफे को अभियुक्तों के बीच बांट लिया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने फर्जी बैंक खाते खोले, जिनके उपयोग के लिए बैंक खाता किट्स को भौतिक रूप से दुबई में वितरित किया गया था, और अभियुक्तों ने दुबई में एटीएम से पैसे निकाले। निकाली गई धनराशि को फिर दिरहम में बदलकर USDT और अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदी गई। गिरफ्तार अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि उन्होंने दुबई से पैसा निकाला, न कि भारत से, क्योंकि उन्हें हवाई अड्डे पर बड़ी मात्रा में नकदी ले जाने पर पकड़े जाने का डर था। साथ ही, दिरहम में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद रुपये की तुलना में सस्ती होती है।

इसके अलावा, गिरफ्तार अभियुक्तों ने चीनी मास्टरमाइंड्स के लिए सीधे क्रिप्टोकरेंसी खरीदी, जिनके मोबाइल नंबर और चैट बरामद हुए हैं। उन्होंने 50 से अधिक फर्जी बैंक खाते खोले और इन फर्जी खातों को चीनी नागरिकों को बेचने के लिए कमीशन प्राप्त किया, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी भी भेजी। इन बैंक खातों में से कुछ के खिलाफ पूरे भारत में शिकायतें दर्ज हैं, जिनका विवरण संबंधित राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम पता-

1- शौकीन पुत्र अतुल शौकीन स्थायी निवासी म0न0 399 ग्राम छावला, थाना छावला नई दिल्ली-110071, वर्तमान निवासी म0न0 85 अशोक विहार, थाना सेक्टर-5 गुडगाँव हरियाणा, उम्र-24 वर्ष,

2- सुभाष शर्मा पुत्र अनुप चन्द्र शर्मा निवासी म0न0 219 बिजवासन,थाना कापशेहेडा न्यू दिल्ली, उम्र-25  वर्ष,

3- मुकुल गोधारा पुत्र कुलदीप गोधारा निवासी ग्राम धुलसीरस, थाना द्वारिका सेक्टर-23, जिला नई दिल्ली उम्र-20 वर्ष,

गिरफ्तारी का स्थान- गुड़गाँव, हरियाणा ।

बरामदगी-

घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस एलर्ट नं0  IMEI सम्बन्धित मोबाइल हैण्डसेट सहित 05 मोबाइल फोन, 05 क्रेडिट कार्ड , 09 एटीएम कार्ड व 02 आधार कार्ड

गिरफ्तारी पुलिस टीम-

1- अपर उप निरीक्षक सुनील भट्ट

2- कॉन्स0 महेश उनियाल

3- कॉन्स0 सोहन बडोनी

 

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