
देहरादून: टिहरी बांध विस्थापितों को आवंटित जमीन में हुए एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। पुनर्वास खंड ऋषिकेश द्वारा वर्ष 2007 में विस्थापित चंदरू को दी गई भूमि को पहले तो उसने पुलमा देवी को बेच दिया और फिर 2019 में उसी भूमि को दोबारा अपने नाम आवंटित करवा लिया। इसके बाद उसने यह भूमि 2020 में किसी अन्य व्यक्ति को बेच दी।
जमीन पर जबरन कब्जे के प्रयास के बाद मामला उजागर हुआ और पीड़िता पुलमा देवी ने जिलाधिकारी सविन बंसल की जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई, जिसमें फर्जीवाड़ा प्रमाणित हुआ।
जांच के बाद जिलाधिकारी ने पुनर्वास मंडल के अधीक्षण अभियंता की सरकारी गाड़ी जब्त कर दी और उपजिलाधिकारी अपूर्वा सिंह को आगे की आपराधिक जांच सौंपी। डीएम ने स्पष्ट किया कि आवश्यकता पड़ी तो एसआईटी (भूमि) के जरिए एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
वरिष्ठ प्रबंधक (पुनर्वास) की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि चंदरू ने गलत जानकारी देकर दो बार जमीन अपने नाम करवा ली। जिलाधिकारी ने अफसरों को फटकार लगाते हुए सवाल उठाया कि कोई व्यक्ति सरकारी तंत्र को इस तरह कैसे गुमराह कर सकता है।
फिलहाल, मामला सिविल जज जूनियर डिवीजन, विकासनगर की अदालत में विचाराधीन है और जिला प्रशासन ने पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।