उत्तराखंडराज्य

जिला प्रशासन ने असहाय और निर्बल लोगों को रायफल फंड से आर्थिक सहायता प्रदान की

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बसंल की पहल से सक्रिय राइफल क्लब फंड का उपयोग 6 असहाय, निर्बल और जरूरतमंद लोगों को 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने में किया गया।
प्रत्येक लाभार्थी को 25-25 हजार रुपये के चेक वितरित किए गए।

जिलाधिकारी ने बताया कि राइफल क्लब मूलभूत सुविधाओं से परे एक लक्सरी ट्रांजेक्शन है, और अब इसका उपयोग CSR गतिविधियों एवं समाज के असहाय वर्ग की मदद के लिए किया जा रहा है।
इस मौके पर उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

प्रमुख लाभार्थी और सहायता विवरण:

शमशेर सिंह (गुलरघाटी) — जीर्णशीर्ण मकान की मरम्मत हेतु आर्थिक सहायता।

प्रियंका कुकरेती (चन्द्रबनी) — पिता की मृत्यु और दिव्यांग भाईयों के परिवार के लिए आर्थिक सहायता एवं मास्टर की पढ़ाई का खर्चा।

आनंदी देवी (बनियावाला) — गुमशुदा पति और आर्थिक तंगी के कारण जीवनयापन हेतु सहायता।

शिव एन्कलेव मेहूवाला माफी — हाईवोल्टेज करंट से पैर गंवाने पर सहायता।

मनीष (सहस्त्रधारा) — दुर्घटना में आंख गंवाने पर कृत्रिम आंख हेतु सहायता।

किरण धीमान (रोड) — किडनी रोग व मानसिक रूप से बीमार पति के परिवार हेतु आर्थिक मदद।जिलाधिकारी ने कहा कि इस राशि से पूर्ण समस्या का समाधान नहीं हो सकता, लेकिन असहाय लोगों के जीवन में राहत और आशा की किरण जगाई जा सकती है। उन्होंने लाभार्थियों को इसे रोजगार या छोटे व्यवसाय के लिए उपयोग करने की सलाह दी।

रायफल फंड का पहला उपयोग: अब तक 12.55 लाख रुपये वितरित

जिलाधिकारी ने बताया कि यह पहली बार है जब जिले में राइफल क्लब फंड का उपयोग सीधे असहाय और निर्बल लोगों के सहायतार्थ किया गया। अब तक इस फंड से कुल 12.55 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं।

राइफल क्लब फंड वर्ष 1959 से संचालित है, जिसमें नए शस्त्र लाइसेंस, लाइसेंस पंजीकरण, नवीनीकरण, शस्त्र विक्रय अनुमति, लाइसेंस श्रेणी परिवर्तन आदि के लिए अनुदान लिया जाता रहा है। अब इस फंड का उपयोग समाज के वंचित वर्ग को आर्थिक सहायता देने में किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों और ग्राउंड स्टाफ की सराहना की, जिन्होंने पात्र लोगों का चयन कर उन्हें लाभान्वित किया। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, वंचित वर्ग के लोगों को सरकारी योजनाओं और उपलब्ध फंड से मदद प्रदान की जा रही है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button