उत्तराखंडराज्य

हिमालय संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है सरकार: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार हिमालय संरक्षण को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सरकार डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, ग्लेशियर रिसर्च सेंटर, जल स्रोत संरक्षण अभियान और जनभागीदारी कार्यक्रमों के माध्यम से दीर्घकालिक संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है।

आईआरडीटी सभागार में आयोजित हिमालय दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय मात्र बर्फीली चोटियों का समूह नहीं बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का जीवन स्त्रोत है। इसकी नदियां करोड़ों लोगों की प्यास बुझाती हैं और यहां पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियां आयुर्वेद की नींव हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हिमालय के संतुलन को बिगाड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में राज्य ने कई आपदाओं का सामना किया है, इसलिए वैज्ञानिक संस्थानों और विशेषज्ञों के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है। इसी उद्देश्य से उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था और अब इस वर्ष नवंबर में राज्य में जलवायु परिवर्तन पर ‘विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन’ आयोजित होगा।

सस्टेनेबल टूरिज्म और जनजागरूकता पर जोर

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हिमालय की सुरक्षा केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार हिमालय संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। राज्य में प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन के लिए लागू किए गए “डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम” से हिमालयी क्षेत्र में 72 टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में सफलता मिली है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन को पर्यावरणीय संरक्षण के साथ जोड़ना होगा और ‘सस्टेनेबल टूरिज्म’ को बढ़ावा देना होगा। हिमालयी क्षेत्रों के निवासियों की जीवनशैली और परंपराएं हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलने की सीख देती हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में प्रतिवर्ष 2 से 9 सितंबर तक “हिमालय जनजागरूकता सप्ताह” मनाया जाएगा।

इस अवसर पर पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि इस वर्ष पूरे हिमालयी क्षेत्र में आपदाएं आई हैं और मानसून अब डराने लगा है, इसलिए पर्यावरण संरक्षण को लेकर नए दृष्टिकोण से सोचना होगा। कार्यक्रम में विधायक किशोर उपाध्याय, मेयर सौरभ थपलियाल, दर्जाधारी मधु भट्ट, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत और सूर्यकांत धस्माना सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

 

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