
देहरादून: ग्राफिक एरा में शिक्षकों व शोधार्थियों को विश्लेषणात्मक (एनालिटिकल) उपकरणों की ट्रेनिंग दी जा रही है।
विशेषज्ञ यह ट्रेनिंग ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में पांच दिवसीय एफडीपी में दे रहे हैं। एफडीपी के उद्घाटन समारोह में आज कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह ने कहा कि शोध कार्यों व अध्ययन में विश्लेषणात्मक तकनीकों का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। विश्लेषण के उपकरण प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि दवाइयों, खाद्य प्रौद्योगिकी, पर्यावरण विज्ञान व इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी इस्तेमाल हो रहे हैं। एमएस स्पिंको के फील्ड एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट विकास धुरानी व स्पिंको बायोटेक के वर्कफ्लो स्पेशलिस्ट जयप्रकाश वात्स्यायन ने भी एफडीपी को संबोधित किया।
फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ के शैक्षणिक और प्रशासनिक विकास केंद्र के सहयोग से किया। एफडीपी में एचओडी डॉ. विनोद कुमार के साथ शिक्षक डॉ. अंकिता डोभाल, डॉ. अरुण कुमार और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। विश्वविद्यालय संघ की संयुक्त सचिव रंजन परिहार ऑनलाइन माध्यम से एफडीपी में जुड़ी।