
देहरादून: भारत सरकार की संसदीय राजभाषा समिति के संयोजक, उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने समिति के अन्य सदस्यों के साथ देहरादून स्थित लेखक गाँव का भ्रमण किया।
इस अवसर पर दिनेश शर्मा ने कहा कि हिन्दी भाषा के संवर्द्धन के लिए लेखक गाँव एक पुण्य प्रयास है। यहाँ मूर्धन्य लेखकों और रचनाधर्मियों को सृजन हेतु प्रेरणादायक वातावरण प्राप्त होगा। यह स्थान लेखकों का मिलन केंद्र, परंपराओं का संरक्षक और हिमालय की शांति का संगम है। लेखक गाँव में स्थापित नालंदा पुस्तकालय, प्राचीन नालंदा की तर्ज पर शोध और अनुसंधान का एक उत्कृष्ट केंद्र बनेगा।
अटल जी की भावना से प्रेरित, लेखक गाँव बन रहा सृजनधर्मियों की कर्मस्थली
समिति के सदस्य एवं लोकसभा सांसद किशोरी लाल ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साहित्य प्रेम और साहित्यकारों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को समर्पित यह लेखक गाँव आज सृजनशील लोगों की कर्मस्थली के रूप में उभर रहा है।लेखक गाँव की निदेशक विदुषी ‘निशंक’ ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। गाँव के संरक्षक रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने समिति के सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि लेखक गाँव न केवल हिन्दी, बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं के संवर्द्धन का केंद्र बन रहा है। यह स्थान नवोदित साहित्यकारों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान कर रहा है।
इससे पूर्व समिति के सदस्यों ने लेखक गाँव में स्थापित अटल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर समिति के अन्य सदस्यों सहित सचिव प्रेमनारायण, एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. मनमोहन रौथाण, कुलसचिव प्रो. राजेश ढोडी, प्रो. सर्वेश उनियाल, लेखक गाँव के कार्यकारी अधिकारी ओ. पी. बडोनी, सनराइज अकादमी की प्रबंध निदेशक पूजा पोखरियाल, किरन बाला, डॉ. राजेश नैथानी, बालकृष्ण चमोली और डॉ. सुप्रिया रतूड़ी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।