उत्तराखंडराज्य

महिला उद्यमिता से बदलेगी समाज और अर्थव्यवस्था की दिशा : कुसुम कण्डवाल

  • उद्यमिता से जगमगा रहा है महिलाओं का आत्मविश्वास, मातृशक्ति बन रही आत्मनिर्भर : कुसुम कण्डवाल
  • योजनाओं का लाभ लेकर महिला शक्ति बन रही है प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़, सशक्त समाज की ओर बढ़ रहें कदम

देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग ने राष्ट्रीय महिला आयोग के अभियान “नवरात्रि – नवशक्ति नवसंकल्प” के तहत  झाझरा पंचायत भवन, देहरादून में “सफल महिला उद्यमियों के साथ चर्चा कार्यक्रम” का आयोजन किया। इस अवसर पर विभिन्न महिला उद्यमियों ने अपनी यात्रा और अनुभव साझा करते हुए आत्मनिर्भरता व उद्यमिता की प्रेरक कहानियाँ सुनाईं।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि जैसे सृष्टि में ऊर्जा का संचार हुआ, उसी प्रकार आज महिलाएँ उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से समाज और अर्थव्यवस्था को नई दिशा प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएँ आज सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं और प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत कर रही हैं। साथ ही महिलाएँ परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए समाज में भी अपनी सशक्त भूमिका अदा कर रही हैं।

 “आज की नारी केवल गृहस्थी तक सीमित नहीं है, वह योजनाओं का लाभ लेकर अपनी शक्ति, मेहनत और नवाचार से राष्ट्र निर्माण की धुरी बन रही है।” – कुसुम कण्डवाल, अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग

उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, एनएसआईसी महिला उद्यमिता योजनाएँ, महिला उद्यम निधि योजना, ड्रोन दीदी योजना और लखपति दीदी योजना जैसी पहल महिलाओं के लिए नई राह खोल रही हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएँ न केवल रोजगार पा रही हैं बल्कि दूसरों के लिए भी अवसर सृजित कर रही हैं।

कार्यक्रम में महिला उद्यमियों ने अपने अनुभव साझा किए। बालाजी क्लस्टर की अध्यक्ष दीपा बछैती ने बताया कि उनके क्लस्टर से जुड़ी 100 से अधिक महिलाएँ अचार, पापड़, टेक-होम राशन, घी, दूध, सिलाई और बुनाई का कार्य कर रही हैं तथा लगभग सभी की मासिक आय 20 हजार रुपये तक पहुँच चुकी है। उद्यमी पूनम ने बताया कि मुद्रा लोन से उन्होंने डिजिटल बोर्ड के माध्यम से ट्यूशन सेंटर शुरू किया है, जहाँ एक बैच में 20 से 30 बच्चे पढ़ते हैं और पाँच बैचों के जरिये वे प्रतिमाह 40 से 50 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं।

वहीं समूह की कुछ महिलाएँ ग्राफिक एरा हॉस्पिटल के पास कैंटीन संचालित कर रही हैं। वैष्णवी ने कहा कि उन्होंने सरकारी योजना से लोन लेकर नमक की विभिन्न वैरायटी तैयार की और अब उनका तैयार नमक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेज़ॉन पर भी बिक रहा है, जिससे उन्हें 30 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह की आय हो रही है।

आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान ने महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनी संरक्षण संबंधी जानकारी दी और उन्हें जागरूक किया।

इस अवसर पर बालाजी क्लस्टर की महिलाएँ, सखी समूह और ग्राम संगठन झाझरा की महिलाएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख अल्पना रावत, बीडीसी मेम्बर सूरज चौधरी, आयोग के विधि अधिकारी दयाराम सिंह, उपनिरीक्षक स्वाति चमोली, संगीता मौर्य, एनआरएलएम से इंदर सिंह चौहान, नारायण तोमर, शानू रावत, अंजली, वीरेंद्र रावत और पूजा दास भी शामिल रहे।

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