
देहरादून: मॉक ड्रिल में सामने आई खामियों के बाद अब देहरादून की आपातकालीन चेतावनी प्रणाली को आधुनिक रूप देने की तैयारी शुरू हो गई है। सायरनों की धीमी आवाज का सच उजागर होने के बाद शहर में 15 नए इलेक्ट्रॉनिक सायरन लगाने की मंजूरी दे दी गई है।
सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर श्यामेंद्र साहू के अनुसार, इन सायरनों में 10 की क्षमता 8 किमी और 5 की आवाज 16 किमी तक पहुंच सकेगी। सभी सायरनों को पुलिस थानों व चौकियों पर लगाया जाएगा और इन्हें कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा, जिससे किसी भी आपात स्थिति में सभी सायरन एक साथ बज सकें।
पुराने सायरन हो चुके हैं बेअसर: 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान लगाए गए पुराने सायरन अब जवाब दे चुके हैं। हाल ही में हुई मॉक ड्रिल में पाया गया कि सायरनों की आवाज एक किमी क्षेत्र में भी ठीक से नहीं सुनाई दी।
डीजी सिविल डिफेंस और राज्य शासन ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए नए सायरन सिस्टम की स्वीकृति दे दी है। डीएम सविन बंसल ने बताया कि देहरादून को भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है, ऐसे में आधुनिक चेतावनी प्रणाली समय की जरूरत है।
बजट भी जारी: सायरन सिस्टम के उच्चीकरण के लिए बजट जारी कर दिया गया है और शीघ्र ही कार्य प्रारंभ होगा।
यह कदम दून की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करेगा, जिससे भविष्य में किसी भी आपदा या आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सकेगा।