
- जड़ी-बूटियां मात्र उपचार के लिए नहीं अपितु आत्म साक्षात्कार के लिए भी हैं- स्वामी रामदेव
- जड़ी-बूटी दिवस सम्पूर्ण मानवता को बचाने का एक उपक्रम है-आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार: पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिवस जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। पतंजलि वैलनेस, पतंजलि योगपीठ-2 के योगभवन सभागार में आयोजित जड़ी-बूटी दिवस के अवसर पर पौधारोपण और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने भी पौधारोपण और रक्तदान किया। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण द्वारा रचित 11 ग्रंथों का विमोमन भी किया गया। साथ ही 588 लोगों का निःशुल्क नेत्र परीक्षण किया गया तथा 207 लोगों को निःशुल्क चश्मे दिए गए।
470 लोगों का दंत परीक्षण करने के उपरांत निःशुल्क डेंटल किट वितरित की गयी। पतंजलि योग समितियों के माध्यम से देश के लगभग सभी जिलों में तहसील, ब्लॉक व ग्राम स्तर पर जड़ी-बूटियों का निःशुल्क वितरण किया।
आचार्य बालकृष्ण को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि जन्म दिवस मुख्य उद्देश्य जड़ी बुटी आधारित भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति को पूरे विश्व में फैलाना है। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटियाँ प्रकृति और परमेश्वर के अनुग्रह को अनुभव करने का एक माध्यम हैं। जड़ी-बूटियां मात्र उपचार के लिए ही नहीं अपितु आत्म साक्षात्कार के लिए भी हैं।
स्वामी रामदेव ने कहा कि अपने ऋषियों की विरासत को गौरव के साथ प्रतिष्ठापित करने वाले आचार्य बालकृष्ण इस अखंड और प्रचंड पुरुषार्थ के जीवंत प्रतिमान हैं। पतंजलि के विभिन्न सेवा परिसरों में आचार्य उनका बहुत बड़ा तप निहित है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जड़ी-बूटियां हमसे नहीं हैं अपितु जड़ी-बूटियों से हम हैं। हमें अपने जीवन की रक्षा करनी है तो जड़ी बूटियों को बचाना जरूरी है। इसलिए पतंजलि का जड़ी-बूटी दिवस सम्पूर्ण मानवता के जीवन को बचाने का एक उपक्रम है। जड़ी बूटियां नही होंगी, पेड़ पौधे नहीं होंगे, तो मानव का जीवन का अस्तित्व भी नहीं रह सकता। उन्होंने सम्पूर्ण देशवासियों से आह्वान किया कि अधिक से अधिक संख्या में जड़ी-बूटियाँ रोपित कर स्वास्थ्य व पर्यावरण की रक्षा करें।