उत्तराखंड

एआईयू का नार्थ जोन का कुलपति सम्मेलन

  • भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) अब उद्योगों से भी जुड़ेगा
  • शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को पाटने का बड़ा निर्णय

देहरादून: भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने शिक्षा को उद्योग जगत की जरूरतों से जोड़ने के लिए एक बहुत बड़ा निर्णय किया है। विश्वविद्यालयों का दुनिया का यह सबसे बड़ा संगठन सौ वर्षों से विश्वविद्यालयों से ही जुड़ा था, अब उद्योगों को विश्वविद्यालयों के इस संघ से जोड़ा जायेगा। एआईयू के नॉर्थ जोन के कुलपति सम्मेलन में देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव के लिए यह फैसला किया गया है।

ग्राफिक एरा के मेडिकल कॉलेज में दो दिन चले इस सम्मेलन में उच्च शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर सौ से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ गंभीर मंथन किया गया। कुलपति सम्मेलन में विभिन्न विषयों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने, शिक्षा को उद्योगों की आवश्यकताओं से जोड़ने, विदेशी विश्वविद्यालयों के मॉडल को अपनाने की बजाय यहां की अलग परिस्थितियों के अनुरूप मॉडल तैयार करने, शिक्षकों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए ज्यादा वर्कशॉप आयोजित करने जैसे सुझाव कुलपतियों ने दिए।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष डॉ० विनय कुमार पाठक ने कहा कि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने के लिए संघ से उद्योग जगत को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। छात्र-छात्राएं उद्योगों में जाकर उनकी जरूरतों से लेकर तकनीकों तक को सीख सकेंगे।

उन्होंने कहा इंडिया में सिलिकॉन वैली जैसी जगह तो हैं, लेकिन ज्यादा यूनीकॉर्न इंडिया में नहीं बल्कि यूएस जैसे देशों में इन्क्यूबेट होते हैं। हमारे देश में रिसर्च पेपर से कोई बड़ा प्रोडेक्ट नहीं निकल पाता। इस गैप को दूर करना बहुत आवश्यक है।एआईयू के अध्यक्ष डॉ० पाठक ने कहा कि यहां के अधिकांश बच्चे वैश्विक तौर पर जॉब के लिए तैयार नहीं होते। देश में बड़ी रैंकिंग वाले कॉलेज कम हैं, देश रैंकिंग में पिछड़ा है। दुनिया के अच्छे विश्वविद्यालयों जैसे स्तर के विश्वविद्यालय स्थापित नहीं हो पा रहे हैं। एसोसिएशन का सौ साल से जो एजेंडा चल रहा है, उसी पर कार्य हो रहा है। अब इसे बदलने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ० पंकज मित्तल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोई एक कोर्स नहीं हो सकता। हर कोर्स में एआई को शामिल किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों को नई खोजों व तकनीकों से जुड़ने के लिए हमेशा प्रयोग करते रहना चाहिए। हर विवि को अपने बजट का 10 प्रतिशत तकनीकों के विकास के लिए देना चाहिए।

डॉ० मित्तल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल डिवाइड, टीचर की नई तकनीकें सीखने व सिखाने की तैयारी, इंफ्रास्ट्रचर, देश में ब्लेंडेड लर्निंग लाने और बच्चों में डिजिटल साक्षरता जैसी प्रमुख चुनौतियां हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये गांव के बच्चों के लिए शिक्षा प्राप्त करने के अवसर बढ़ जाएंगे। टीचर ऑनलाइन मोड में गांवों तक पहुंच सकते हैं। एआई के उपयोग से उनके और छात्रों के लैंग्वेज का बैरियर नहीं रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा साइबर क्राइम से बचाव हेतु जागरूकता की जरूरत है, और शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं को भी इस संबंध में सिखाया जाना चाहिए।

ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ० नरपिंदर सिंह ने कहा सम्मेलन ने नॉर्थ जोन के कुलपतियों के बीच संबंध स्थापित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा दो दिन में बहुत महत्वपूर्ण मंथन हुआ है, इसके अच्छे परिणाम आएंगे।

दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो० प्रतीक शर्मा ने उच्च शिक्षा संस्थानों में साइबर सिक्योरिटी व डेटा प्राइवेसी विषय पर आयोजित सेशन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ० कमल घनशाला, प्रो चांसलर डॉ० राकेश कुमार शर्मा, कुलपति डॉ० नरपिंदर सिंह और सम्मेलन की नोडल अधिकारी प्रो० रूपा खन्ना मल्होत्रा को आयोजन की बेहतरीन व्यवस्थाओं के लिए सम्मानित किया गया।

एआईयू के संयुक्त सचिव डॉ० आलोक कुमार मिश्रा ने आभार व्यक्त किया। एआईयू के पूर्व अध्यक्ष प्रो जी डी शर्मा, विश्वविद्यालय संघ की संयुक्त सचिव रंजना परिहार व कुलदीप डागर के साथ ही हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० मनमोहन सिंह चौहान, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के प्रो. एस पी बंसल, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा, यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख के प्रो० एस के मेहता, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के डॉ० मनप्रीत सिंह मन्ना, क्लस्टर यूनिवर्सिटी ऑफ श्रीनगर के प्रो० मोहम्मद मोबिन, रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान के डॉ० निदुप दौरजी, एमेटी यूनिवर्सिटी के प्रो० बलविन्दर शुक्ला समेत नॉर्थ जोन के सौ से अधिक कुलपति इस सम्मेलन में शामिल हुए। संचालन ग्राफिक एरा के प्रोफेसर एम पी सिंह ने किया।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button