
- प्रदेश के सभी विद्यालयों में इसी सत्र से बैगलेस-डे लागूः डॉ. धन सिंह रावत
- ब्लॉक, जनपद व राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नामित, योजना की करेंगे मॉनीटिरिंग
- प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को पढ़ाई के बदले होंगी विभिन्न गतिविधियां
देहरादून: सूबे के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में इसी शैक्षणिक सत्र से बैगलेस-डे लागू कर दिया गया है, जो सात जुलाई से लागू होगा। प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को यह दिवस मनाया जायेगा, जिसमें छात्र-छात्राएं बिना स्कूली बस्ते के अपने-अपने विद्यालय जायेंगे तथा पढ़ाई के बजाय अन्य सृजनात्मक गतिविधियों में प्रतिभाग करेंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के सभागार में आज विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बैगलेस-डे को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य में संचालित विभिन्न विद्यालयी बोर्डों के प्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों एवं निजी स्कूल संचालकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में नई शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के अनुरूप राज्यभर में संचालित सभी विद्यालयी शिक्षा बोर्डों के समस्त राजकीय एवं निजी विद्यालयों में इसी सत्र से बैगलेस-डे लागू किये जाने की घोषणा की। डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में संचालित समस्त विद्यालयों में प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को बैगलेस-डे रहेगा। इस दिन छात्र-छात्राएं बिना बस्ते के स्कूल जायेंगे तथा पढ़ाई के बदले विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दिन मुख्यतः तीन प्रकार की गतिविधियां संचालित की जायेंगी, जिसमें जैविक, मशीनी व मानवीय गतिविधियां शामिल रहेंगी। इसके इतर सभी बोर्ड इस दिवस पर अपने-अपने विद्यालयों में अन्य बेहतर गतिविधियों का भी संचालन कर सकते हैं।
इस व्यवस्था को प्रदेश भर में कड़ाई से लागू करने के लिये ब्लॉक स्तर पर खण्ड शिक्षा अधिकार, जिला स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी व राज्य स्तर पर महानिदेशक शिक्षा नोडल अधिकारी रहेंगे। विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी नोडल अधिकारी बैगलेस-डे पर अपने-अपने क्षेत्र में विद्यालयों का औचक निरीक्षण भी करेंगे।
कार्यशाला में निजी एवं राजकीय विद्यालयों में बस्ते का बोझ कम करने पर भी चर्चा की गई। जिसको आगामी जुलाई माह से लागू करने पर सहमति बनी। विशेषकर सीबीएसई एवं आईसीएसई के स्कूल संचालकों को इस व्यवस्था को लागू करने के लिये आपस में विचार-विमर्श कर ठोस निर्णय लेने को कहा। -छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका हेल्थ रिकॉर्ड दर्ज किया जायेगा। जिसको लॉगइन शिक्षा विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों व महानिदेशक विद्यालय शिक्षा को दिया जायेगा। जो जरूरत पड़ने पर प्रत्येक छात्र-छात्राओं का हेल्थ रिकॉर्ड देख सकता है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिये 148 टीमों का गठन किया गया है, जो कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में जाकर छा़त्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण व परामर्श के साथ ही उपचार के लिये निर्धारित चिकित्सालयों में भेजने की भी संस्तुति करेंगे।
उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी इस संबंध में अपने-अपने विद्यालयों के प्राचार्यों को सूचित करायेंगे।