
देहरादून: प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी दीप्ति रावत और 3 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
मामला फॉरेस्ट लैंड और अन्य आर्थिक अनियमितताओं से जुड़ा बताया जा रहा है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत यह कार्रवाई की है। सूत्रों के अनुसार, यह जांच पहले से दर्ज एफआईआर और आरोप पत्रों के आधार पर आगे बढ़ी, जिसमें कथित रूप से जमीन के फर्जी सौदे, फर्जी कंपनियों के माध्यम से लेन-देन और भारी मात्रा में संपत्ति अर्जन की बात सामने आई थी।
चार्जशीट में हरक सिंह के साथ उनकी पत्नी ऋतु रावत, दीप्ति रावत, लक्ष्मी राणा और मनीषा पूनम देवी को भी नामजद किया गया है। इन सभी पर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अवैध धन को वैध बनाने की साजिश रचने और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप हैं।
ईडी ने मामले में कोर्ट को सूचित किया है कि आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मोहमिया वेलफेयर सोसायटी के नाम से एक संस्था का उपयोग किया और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन खरीदी-बेची।
प्रवर्तन निदेशालय की इस बड़ी कार्रवाई से न केवल हरक सिंह रावत की राजनीतिक छवि को बड़ा झटका लगा है, बल्कि राज्य की राजनीति में भी इस मामले की गूंज तेज हो गई है। अब सबकी नजरें अदालत में अगली सुनवाई और ईडी की अगली रणनीति पर टिकी हैं।
यह मामला दर्शाता है कि राजनीतिक रसूख अब जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर नहीं है। अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।