
देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अ.प्रा.) गुरमीत सिंह को ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने किया।
ज्ञापन में मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट की भूमि को लेकर गंभीर अनियमितताओं का मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि 30 हजार करोड़ रुपये मूल्य की 172 एकड़ भूमि मात्र एक करोड़ रुपये वार्षिक किराए पर आचार्य बालकृष्ण की कम्पनी को सौंपी गई।
टेंडर प्रक्रिया में अंतिम समय पर नियम बदलकर कम्पनी को फायदा पहुँचाया गया। स्थानीय निवासियों के 200 साल पुराने रास्ते बंद कर दिए गए और पर्यटकों से मनमानी वसूली की जा रही है। इतना ही नहीं, बिना अनुमति हेलीकॉप्टर संचालन भी जारी है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब हरिद्वार स्थित वैरागी कैम्प की भूमि भी उसी कम्पनी को देने की तैयारी चल रही है। ज्ञापन में मांग की गई कि जॉर्ज एवरेस्ट की भूमि देने का आदेश तत्काल निरस्त किया जाए, मामले की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए और वैरागी कैम्प की टेंडर प्रक्रिया रोकी जाए।
आपदा प्रबंधन को लेकर भी कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हालिया आपदा में सरकार पूरी तरह विफल रही है। तीन दिन से देहरादून सहित प्रभावित क्षेत्रों में न बिजली है, न पानी। राहत और पुनर्वास कार्य ठप पड़े हैं। जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है, लेकिन सरकार के पास कोई ठोस तैयारी नहीं है।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वरिष्ठ नेता सुरेंद्र कुमार, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, कांग्रेस महामंत्री गोदावरी थापली, पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत, पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, कांग्रेस महामंत्री महेंद्र नेगी और किसान कामगार अध्यक्ष सुशील राठी शामिल रहे।