उत्तराखंडराज्य

जॉर्ज एवरेस्ट पार्क आवंटन घोटाले के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदेश भर में प्रदर्शन कर राज्य सरकार का फूंका पुतला

  • घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होने तक जारी रहेगा आंदोलन
  • राज्यपाल से प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा व नेता विपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में मिलेगा कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल
  • राज्य सरकार बोली के सभी दस्तावेज करे सार्वजनिक- सूर्यकांत धस्माना

देहरादून: उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट पार्क की खरबों रुपए की संपत्ति मिलीभगत से बाबा राम देव के व्यावसायिक साझीदार आचार्य बालकृष्ण को मात्र एक करोड़ रुपए प्रति वर्ष की दर पर पंद्रह साल के लिए लीज पर देने और उसे आगे और पंद्रह वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रावधान करने के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस ने आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के आह्वाहन पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया व ऐलान किया कि इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा तक कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा।

राजधानी देहरादून में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना व महानगर अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी की संयुक्त अगुवाई में कांग्रेस मुख्यालय में एकत्रित कांग्रेस जनों ने पहले जम कर केंद्र सरकार प्रदेश सरकार व पर्यटन मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की व तत्पश्चात जुलूस की शक्ल में राजपुर रोड में क्वालिटी चौक पर राज्य सरकार का पुतला फूंका।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने प्रदेश सरकार पर आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में एक के बाद एक घोटाले कर रही इस सरकार ने अब राज्य निर्माण से लेकर अब तक पच्चीस वर्षों का भ्रष्टाचार का सारा रिकॉर्ड जॉर्ज एवरेस्ट पार्क आवंटन घोटाले से तोड़ दिए। धस्माना ने कहा कि यह घोटाला तीस हजार करोड़ से पचास हजार करोड़ तक का है और यह किस के इशारे पर हुआ और कौन कौन लोग इसमें शामिल हैं यह जांच से ही पता चलेगा इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच हाई कोर्ट के सेटिंग जज की निगरानी में होनी चाहिए।

धस्माना ने इस प्रकरण पर बोलते हुए कहा कि
रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण को पर्यटन प्रोजेक्ट मिला

दरअसल, प्रकृति ऑर्गेनिक्स और भरुवाग्रो एग्री साइंस—ये दोनों कंपनियाँ, जिन्होंने राजस एयरोस्पोर्ट्स के साथ बोली लगाई थी—इन्होंने अक्टूबर 2023 में इसमें क्रमशः 17.43% और 33.25% हिस्सेदारी खरीदी। अलग से, चार कंपनियाँ—भरुवा एग्रो सॉल्यूशन, भरुवा सॉल्यूशंस, फिट इंडिया ऑर्गेनिक और पतंजलि रेवोल्यूशन—ये सभी बालकृष्ण से जुड़ी हुई हैं, जिन्होंने राजस एयरोस्पोर्ट्स और एडवेंचर्स में शेयर लिया।

बोली दस्तावेज़ में साफ लिखा था:
“हम यहां प्रमाणित और पुष्टि करते हैं कि हमने तैयारी और प्रस्तुत करने में किसी अन्य बोलीदाता या उससे जुड़े किसी व्यक्ति के साथ कोई सीधा या परोक्ष संपर्क नहीं किया है।”
फिर भी टेंडर निर्देशों में अयोग्यता और समाप्ति के प्रावधान थे, अगर अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन या धोखाधड़ी होती।

धस्माना ने कहा कि
जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट पार्क, जो 1832 में सर जॉर्ज एवरेस्ट द्वारा स्थापित किया गया था, को 2021 में उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने राजस एयरोस्पोर्ट्स को पायलट आधार पर एक वर्ष के लिए सौंपा था ताकि व्यवहार्यता जांची जा सके। लेकिन दिसंबर 2022 में विभाग ने 15 साल की लीज़ पर सेवाएँ बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जिसे और 15 साल तक बढ़ाने का विकल्प रखा गया।

धस्माना ने कहा कि इसके बाद
सचिव सचिन कुरवे और उनके पूर्वजनों ने इस प्रोजेक्ट की देखरेख की। फरवरी 2023 में RFP (Request for Proposal) निकाला गया और फरवरी 2023 में इसकी बोली लगी। इसमें वार्षिक शुल्क था—राजस एयरोस्पोर्ट्स ₹1 करोड़, भरुवा एग्रो साइंस ₹65.68 लाख और प्रकृति ऑर्गेनिक्स ₹1.05 करोड़ देने को तैयार थे।
आखिरकार, उच्चतम बोली लगाने वाली कंपनी को यह प्रोजेक्ट मिला, जिसे तीन साल में हर साल 10% बढ़ाया जाना था।

धस्माना ने कहा कि यह जांच का विषय है कि राजस एयरोस्पोर्ट्स की स्थापना 2013 में हुई थी। कंपनी का उद्देश्य एडवेंचर गतिविधियाँ चलाना था, जैसे हॉट एयर बलूनिंग, पैरामोटरिंग, स्काइडाइविंग आदि।

डायरेक्टर्स में सौरभ सैनी और हरिद्वार की कंपनी बालाजी एडवेंचर्स के मनीष सैनी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि बालकृष्ण और उनसे जुड़ी कंपनियाँ बाद में इस कंपनी में शेयरधारक बनीं। दस्तावेज़ बताते हैं कि मार्च 2024 तक राजस एयरोस्पोर्ट्स के छह शेयरधारक थे। धस्माना ने कहा कि सितंबर 2023 में, पतंजलि रेवोल्यूशन, भरुवा एग्रो सॉल्यूशन, भरुवा एग्री साइंस और फिट इंडिया ऑर्गेनिक्स कंपनी के रजिस्टर में जुड़ीं।

धस्माना ने कहा कि इस पूरी बोली प्रकरण में जो सबसे बड़ा घोटाला है वह यही है कि ना तो इतने बड़े काम का ग्लोबल टेंडर हुआ ना ही इसे देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया और ना ही टेंडर की शर्तों का पालन किया गया। धस्माना ने कहा कि एक ही व्यक्ति की तीनों कम्पनियां ने आपस में सांठ गांठ कर सरकार के साथ मिलीभगत कर यह महाघोटाला कर दिया।

धस्माना ने कहा कि अब कांग्रेस इस घोटाले समेत राज्य में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।
इस अवसर पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि प्रदेश में पेपर लीक से लेकर भर्ती घोटाला, खनन और शराब में भ्रष्टाचार के बाद अब ये महाघोटाला सामने आने से यह साबित हो गया है कि प्रदेश सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश की जनता को इस भ्रष्टाचारी सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और अब कांग्रेस कार्यकर्ता इस भ्रष्टाचारी सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतर गया है।

आज के प्रदर्शन व पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिनेश कौशल प्रदेश महामंत्री जगदीश धीमान,प्रदेश महामंत्री मनीष नागपाल ,आलोक मेहता, विपुल नौटियाल,अमर मेहता ,कर्नल राम रतन नेगी,कैप्टेन सुबन सिंह सजवान, गोपाल सिंह गादिया, वीरेंद्र पवार,मुकेश सोनकर,मनीष गर्ग,अमर मेहता,गौरव शर्मा,नीतेश राजोरिया,कमर सिद्दीकी,जगदीश धीमन ,अर्जुन शर्मा,पुनीत चौधरी,ललित बद्री,सईद जमाल,मदन मोहन ,विप्लवी कवि दयाल ,चंद्रपाल ,सावित्री थापा,मान सिंह,सुशील धीमन,रोहित मित्तल ,रोबिन त्यागी सूरज छेत्री, आदर्श सूद,राजकुमार जायसवाल,विपुल नौटियाल,अनिल बसन्नैय,विजय कुमार शाही,अमनदीप सिंह,अरुण बलूनी,अनूप सिंह,गुरुनैन सिंह,प्रवीण भारद्वाज,अमल अहमद,राजेश उनियाल,दिग्विजय चौहान समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।

 

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