
देहरादून: अतिवृष्टि से आपदाग्रस्त मिसराल पट्टी के अंतिम गांव बटोली का संपर्क टूटने की सूचना पर जिलाधिकारी सविन बंसल खुद प्रथम पंक्ति में पहुंचकर ग्रामीणों से मिले।
डीएम ने कई किलोमीटर लंबी कठिन पगडंडी पार कर गांव के अंतिम छोर तक जाकर महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों से उनकी समस्याएं सुनीं और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, “आपको कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है, प्रशासन हर समय आपके साथ खड़ा है।” अतिवृष्टि से खाई में तब्दील हुए रास्ते को प्रशासन ने रातों-रात दुरुस्त कर राहत पहुंचाई। सभी परिवारों के लिए 3.84 लाख रुपये का एडवांस चेक मौके पर ही वितरित किया गया, जिससे प्रत्येक परिवार को सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये किराया मिल सके।
साथ ही वर्षाकाल के तीन महीनों तक रास्ता खुला रखने के लिए 24×7 मैनपावर और मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की मांग पर गांव में 15 दिनों में अस्थायी हेलीपेड बनाने, गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए एएनएम की नियमित तैनाती, बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल के पास किराए पर मकान की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए।कोटी-बटोली सड़क को लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने, बटोली-थान गांव वैकल्पिक सड़क का सर्वे कराने और झूला पुल व स्थायी रास्ते के लिए पत्र प्रेषित करने के निर्देश भी दिए गए। तात्कालिक मरम्मत के लिए 3.98 लाख रुपये लोनिवि को मौके पर ही स्वीकृत किए गए।
इसके अलावा जिलाधिकारी ने अपनी ओर से 20 सोलर लाइटों की भी स्वीकृति दी और जल्द कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि आपदा की हर चुनौती को कम करना प्रशासन की जिम्मेदारी है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।