केदारनाथ धाम के नाम पर लिया गया चंदा सरकार वसूले-कांग्रेस
- कांग्रेस व जन दबाव से ही दिल्ली में निर्माणाधीन केदारनाथ धाम मंदिर का काम रुका
- सरकार केदारनाथ जी की शिला को वापस लाए -धस्माना
- स्थितियां सामान्य होने पर श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा पुनः शुरू होगी यात्रा
- हमारे मुद्दों पर सरकार कार्यवाही करे २२८ किलो सोना गायब होने की जांच कब होगी?
- मंदिर के गर्भ गृह की मर्यादा भंग करने वालों पर कार्यवाही कब होगी ?
देहरादून: केदारनाथ धाम में स्थितियां सामान्य होने पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस द्वारा शुरू की गई श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा जो १ अगस्त को आपदा के कारण सीतापुर पहुंच कर स्थगित कर दी गई थी पुनः शुरू की जाएगी ।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस की श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा के कारण जो जन दबाव बना उससे विचलित हो कर ही प्रदेश सरकार ने दिल्ली के बुराड़ी में निर्माणाधीन केदारनाथ धाम मंदिर का काम रुकवाया। और उक्त नाम से बने ट्रस्ट को उसे बनाने वालों ने भंग किया।
उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट ने तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में शिलान्यास वाले दिन ही घोषणा कर दी थी कि ट्रस्ट उत्तराखंड के चारों धामों के प्रतिरूप तैयार करेगा।
धस्माना ने कहा कि इस तथाकथित ट्रस्ट द्वारा सनातन धर्म के नाम पर बड़े पैमाने पर चंदा एकत्रित करने का प्लान था। किंतु चारों धामों के पंडा पुरोहितों , आम जनमानस व ज्योर्तिमठ के पूज्य शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद गिरी जी के विरोध के बाद और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में निकाली गई श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा से बने जन दबाव के कारण सरकार को बैंक फुट पर आना पड़ा । और सरकार की पीछे हटने के निर्णय के बाद इस तथाकथित ट्रस्ट द्वारा भी अब श्री केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट को भंग करने का निर्णय लेना पड़ा।
धस्माना ने कहा कि हमारी यात्रा के केवल एक बिंदु पर अभी जीत हुई है लेकिन श्री केदारनाथ जी से जो शिला ले जाई गई वो वापस आनी चाहिए, जो चंदा उगाही श्री केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट के नाम से हुई उसे वसूल कर बीकेटीसी में जमा होना चाहिए, श्री केदारनाथ धाम में मंदिर के गर्भ गृह की मर्यादा कैमरे ले जा कर गर्भ गृह का लाइव प्रसारण करने वालों के खिलाफ कार्यवाही हो।
और कृष्णा माई गुफा का नाम पुनः कृष्णा माई की गुफा किया जाय और जो २२८ किलो सोना गायब हुआ जो चांदी उतारी गई उस प्रकरण की पूरी निष्पक्ष जांच कर सच्चाई जनता को बताई जाय यह मुद्दे अभी अनुत्तरित हैं इसलिए कांग्रेस अपनी यात्रा को जारी रखेगी व जैसे ही श्री केदारनाथ धाम में आपदा की स्थिति सामान्य हो जाएगी हम बची हुई यात्रा पूरी करेंगे।
पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए श्री धस्माना ने कहा कि सतपाल महाराज जो सोने की चोरी पर सफाई दे रहे हैं तो हम उनकी प्रेस वार्ता का इंतजार कर रहे हैं जिसमें वो सोने चांदी प्रकरण पर उनके पास मौजूद रिपोर्ट में उजागर सत्य को बताएंगे।
केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट के भंग होने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को श्रेय देने के एक प्रश्न पर धस्माना ने कहा कि यह बात हास्यास्पद है कि एक गलती को जन दबाव के निर्णय का श्रेय भी गलती करने वाले को ही दिया जाय।
पत्रकार वार्ता में सरदार अमरजीत सिंह, गरिमा मेहरा दसौनी,शीशपाल सिंह बिष्ट, विजय पाल रावत उपस्थित रहे।
में सुमन मित्तल अध्यक्ष श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट आपको बताना चाहती हूँ की हम सभी ट्रस्टी मिलकर दिल्ली के बुराड़ी, बख्तावर पुर रोड हिरणकी में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने जा रहे थे उत्तराखण्ड के कुछ लोगो के द्वारा विरोध/आपत्ति के बाद हमे ये अहसास हुआ की जन मानुष और धार्मिक भावनाओं को केदारनाथ धाम बनाने से ठेस पहुँचती है तो यह सोच कर हमने केदारनाथ धाम बनाने का कार्य त्याग दिया है अब हम इस नाम से कोई मंदिर नहीं बना रहे है तथा हमने ऑनलाइन / QR कोड से दान
लेने की प्रक्रिया बंद कर दी हैं अब हम कोई दान नहीं ले रहे हैं और केदारनाथ धाम ट्रस्ट बंद करने के लिए हमने प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है।
ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष श्री सुरिंदर रौतेला के इस्तीफा देने के बाद हम सब ट्रस्टी बहुत आहत हुये कि हिन्दू धर्म में धार्मिक भावनाओं की कोई कदर नहीं है और मंदिर बनना हिन्दू धर्म में अच्छा कार्य नहीं है।