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देहरादून: ग्राफिक एरा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि विज्ञान अँधेरे की तरफ ना ले जाये इसके लिए अध्यात्म जरूरी है।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में साइंस, स्पिरिचुअलिटी एण्ड सस्टेनेबिलिटी 2025 विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्टीय संगोष्ठी का आज आख़िरी दिन था। संगोष्ठी के समापन सत्र को राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि युवाओं को अध्यात्म के प्रति प्रेरित करना जरूरी है ताकि उनके व्यक्तित्व का विकास हो सके। उन्होंने शिक्षकों से कहा की शिक्षा के साथ शास्त्रों के बारे में भी जानकारी दी जाए ताकि वे अध्यात्म से भी जुड़ सकें।पर्यावरणविद् पद्म भूषण डॉ अनिल जोशी ने कहा कि आज के युवाओं को भोगवादी सभ्यता से दूर रखना होगा ताकि संस्कृति को आगे बढ़ाया जा सके। डॉ जोशी ने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि महाकुंभ अध्यात्म का एक प्रतीक है। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिन्दर सिंह ने कहा कि विज्ञान समस्याओं का समाधान होगा लेकिन अध्यात्म चेतना से जोडने का कार्य करता है। उन्होंने कहा की छात्र – छात्राओं में अध्यात्म के प्रति जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है। कर्नल अजय कोठियाल ने छात्र- छात्राओं से माता-पिता के प्रति सम्मान राखने की बात कही ।गांव सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल और अरविंदो सोसायटी की डायरेक्टर सिम्मी महाजन ने अध्यात्म से जुड़े विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पोस्टर प्रेजेंटेशन का भी आयोजन किया गया इसमें पहला स्थान श्वेता उपाध्याय ने हासिल किया वहीं दूसरे स्थान पर प्रज्ञा मिश्रा और अनुराग मौर्य रहे। संगोष्ठी का आयोजन ग्राफिक एरा के डिपार्टमेण्ट ऑफ इन्वायरमेन्टल साइंस एण्ड डिपार्टमेण्ट ऑफ ह्यूमैनिटिज एण्ड सोशल साइंस ने इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबिलिटी, एप्रोप्रिएट टेक्नोलाॅजी इण्डिया, सुमनदीप विद्यापीठ और फ्यूचर आईकान दिल्ली के सहयोग से किया।
कार्यक्रम में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबिलिटी के चेयरपर्सन कुमार गौरव, डिपार्टमेण्ट ऑफ ह्यूमैनिटिज एण्ड सोशल साइंस की एचओडी डॉ० प्रभा लामा, इन्वायरमेण्टल साइंस की एचओडी डॉ० प्रतिभा नैथानी, डॉ० प्रदीप शर्मा, डॉ० सुमन नैथानी, डॉ० अर्चना बछेती, डॉ० निधि त्यागी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन छवि कौशिक ने किया।