उत्तराखंड

नहीं रहे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा, भक्तों में शोक की लहर

देहरादून: देश के जाने माने संत और और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का आज मुंबई के कोकिल बैन अस्पलाल में निधन हो गया है। वह 86 वर्ष के थे तथा किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। सन्यास लेने से पहले पायलट बाबा भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर थे। उन्होंने 1962, 1965, 1971 के युद्धों में दुश्मनों के दांत खट््टे कर दिए थे। पायलट बाबा को कल हरिद्वार में समाधि दी जाएगी। उनके निधन से संत समाज और दुनियाभर में फैले उनके शिष्य तथा अनुयायी शोककुल है। जूना अखाड़े ने तीन दिन का शोक घोषित किया है।

पायलट बाबा मूलरूप से बिहार के रहने वाले थे। उनका जन्म का नाम कपिल सिंह था। बनारस से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद उनका सलेक्शन भारतीय युवा सेना में हो गया था। उन्होंने 1962 में चीन के खिलाफ और 1965 व 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ फाइटर प्लैन उड़ाए थे।

1974 में विधिवत दीक्षा लेकर पायलट बाबा जूना अखाड़े में शामिल हुए। 1998 में महामंडलेश्वर पद पर आसीन होने के बाद उन्हें 2010 में उज्जैन में प्राचीन जूना अखाड़ा शिवगिरी आश्रम नीलकंठ मंदिर में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर पद पर अभिषिक्त किया।

 

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