उत्तराखंडराज्य

ग्राफिक एरा में औषधीय पौधों पर राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

  • मिट्टी है देश की वास्तविक संपदा
  • हैकाथॉन में ग्राफिक एरा प्रथम

देहरादून: ग्राफिक एरा में राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से आए वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने औषधि और सुगंधित पौधों के क्षेत्र में नई संभावनाओं और प्रगति के तरीकों पर चर्चा की। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की महानिदेशक डॉ एन कलाईसेल्वी ने कहा कि मिट्टी की सेहत ही देश की असली संपदा है।

ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में औषधीय पौधों पर राष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए डॉ एन कलाईसेल्वी ने कहा कि भारत की मिट्टी न केवल उर्वर है बल्कि यह औषधीय पौधों की विविधता से परिपूर्ण है। यह किसानों की आजीविका बदलने के साथ ही भारतीय चिकित्सा विज्ञान को भी नई दिशा दे सकती है।

डा. एन. कलाईसेल्वी ने ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के चेयरमैन डा. कमल घनशाला की दूरदर्शी सोच और नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि डा. घनशाला ने एक छोटे से कंप्यूटर सेंटर को आज भारत के अग्रणी शिक्षण संस्थान में बदल दिया है। उनका विजन और समर्पण देश भर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उत्तराखंड के औषधीय पौध बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. निर्पेंद्र चैहान ने कहा कि उत्तराखंड जैव विविधता से समृद्ध राज्य है और इसकी औषधीय जड़ी बूटियां इसकी असली पहचान है। उन्होंने कहा कि 40 हजार से अधिक किसान सुगंधित पौधों की खेती कर रहे हैं जिससे ग्रामीण आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। उन्होंने बताया कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, जलवायु परिवर्तन और वन्यजीवों से फसलों को नुकसान जैसी चुनौतियां किसानों के पलायन का कारण बन रही है। इन समस्याओं के समाधान के लिए नीति निर्माता और वैज्ञानिकों को मिलकर काम करना होगा।

सम्मेलन में सोसायटी फॉर प्लांट रिसर्च के डायरेक्टर जनरल डा. एस. के. भटनागर ने कहा कि भारत प्राचीन काल से जैव विविधता का केंद्र रहा है, लेकिन हमने इसकी वैज्ञानिक उपयोगिता समय रहते नहीं समझी। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों का ज्ञान हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे प्रयोगशाला से बाहर लाकर किसान और आम लोगों तक पहुंचाना होगा तभी अनुसंधान का वास्तविक लाभ समाज को मिलेगा। यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिंदर सिंह ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
राष्ट्रीय सम्मेलन में औषधीय और सुगंधित पौधों की जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े विषयों पर आठ तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में नवीनतम शोध नवाचार और उनके व्यवहारिक उपयोग पर विस्तार से चर्चाएं होगी। देश के 16 राज्यों से आए 200 से अधिक वैज्ञानिक, शोधकर्ता और विशेषज्ञ इस सम्मेलन में भाग लेकर अपने शोध और सुझाव प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. एन कलाईसेल्वी ने यूनिवर्सिटी में रुद्राक्ष और अश्वगंधा के पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्मेंट और सेंटर फॉर अरोमैटिक प्लांट्स ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में प्रो वाइस चांसलर डा. संतोष एस. सर्राफ, कुलसचिव डा. नरेश कुमार शर्मा, बायोटेक्नोलॉजी डिपार्मेंट के हेड डा. रूपक नागरिक, डॉ जानवी मिश्रा रावत समेत अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. जिगिशा आनंद ने किया।

हैकाथॉन में ग्राफिक एरा प्रथम

देहरादून। ग्राफिक एरा में आयोजित 24 घंटे की हैकाथॉन में दिव्यांगजनों की समस्याओं के लिए सॉफ्टवेयर बनाकर टीम एबीएस ने बाजी मार ली। टीम एबीएस ने प्रथम स्थान हासिल कर ₹50000 का इनाम अपने नाम किया।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में राज्य स्थापना की रजत जयंती पर आयोजित 24 घंटे की हैकथाॅन (सारथी) में छात्र-छात्राओं ने दिव्यांगजनों के लिए तकनीकी समाधान विकसित करने की दिशा में अपनी रचनात्मकता और तकनीकी दक्षता का परिचय दिया। हैकाथॉन में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की टीम एबीएस ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया और विजेता ट्रॉफी अपने नाम की। बिरला ग्लोबल यूनिवर्सिटी की टीम ऑर्बिस ने द्वितीय स्थान हासिल किया जबकि एसआरएच यूनिवर्सिटी की टीम न्यूरोनेव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा विशेष श्रेणियां में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की टीम एग्रोकोड को सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप आइडिया का पुरस्कार मिला, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी की टीम द एंड्यूरेंस को सर्वाधिक नवाचारी सतत् समाधान का सम्मान मिला और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की टीम टेकनीति को सर्वश्रेष्ठ समावेशी तकनीकी समाधान के लिए सम्मानित किया गया।

हैकाथॉन का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट आफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग और स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग ने संयुक्त रूप से किया। हैकाथॉन में यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. अमित आर. भट्ट, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साइंटिस्ट डा. उन्नीकृष्णन, डीन ऑफ रिसर्च डा. टीकम सिंह, कंप्यूटर साइंस इन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हेड डा. अनुपम सिंह के साथ डा. रवि तोमर, डा. सुरेंद्र के. शर्मा, डा. नवीन चंद्र, डा. अरुण कुमार, अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button