उत्तराखंड

पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलने में कोई फीस नहीं लगेगी

प्रदेश में लगभग 16 लाख उपभोक्ताओं के यहां लगेंगे स्मार्ट मीटर

देहरादून: केंद्र सरकार की आर डी एस एस योजना के अंतर्गत देश के अन्य राज्यों की भाँति उत्तराखंड में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। सबसे पहले सभी सरकारी आवासों, दफ्तरों एवं कमर्शियल कंज्यूमर्स के यहाँ स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे तत्पश्चात सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के यहाँ भी पुराने मीटर बदलकर निःशुल्क नए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

स्मार्ट मीटर एक ऐसा आधुनिक मीटर है जिसका कंट्रोल उपभोक्ताओं के हाथों में है तथा इससे आपको पल पल के बिजली उपयोग की जानकारी, सारी ज़रूरी सूचनाओं के संदेश, बिजली के उपयोग की तुलना आदि सहित आसान पेमेंट के कई विकल्प भी मिलते हैं।

इस योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर प्रणाली की स्थापना का कार्य न केवल उत्तराखंड राज्य बल्कि पूरे भारत में लगभग इंटेलिस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, जीएमआर जनरेशन, एनर्जीविज़ प्राइवेट, शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स, ग्राम पावर इंडिया, अडानी इंटरप्राइजेज, बीसीआईटीएस, टाटा पावर कंपनी जैसी 45 से भी अधिक कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है।

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में अडानी ग्रुप को इस कार्य का ज़िम्मा सौंपा गया है जिसमें लगभग 6.25 लाख कंस्यूमर्स मीटर्स की स्थापना का कार्य तथा गढ़वाल क्षेत्र में मै० जीनस के द्वारा लगभग 9.62 लाख कंस्यूमर्स मीटर की स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

उत्तराखंड राज्य में दोनों कार्यदायी संस्थाओं को विधुत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी मॉडल मानक बोली दस्तावेज में निहित नियमानुसार निविदा अवार्ड होने के पश्चात ही स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य दिया गया है।

अडानी ग्रुप द्वारा भारत के अन्य राज्यों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य गतिमान है जिसमें बिहार असम, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश इत्यादि राज्य सम्मिलित हैं। स्मार्ट मीटर्स आधुनिक तकनीकी पर आधारित मीटिंग प्रणाली है जिससे प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को उनके बिजली के बिल पर नियंत्रण कर लाभान्वित किया जा रहा है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button