उत्तराखंड

हल्द्वानी में अवैध मदरसा तोड़ने पर हिंसा भड़की, आगजनी, अब तक 6 की मौत

देहरादून: हल्द्वानी में अवैध अतिक्रमण धार्मिक स्थल को तोड़ने के दौरान जमकर बवाल हो गया। आक्रोशित भीड़ ने कार समेत कई वाहनों में आग लगा दी। पुलिस टीम ओर पथराव किया गया। उग्र भीड़ ने जेसीबी मशीन तोड़ दी। इस हिंसक वारदात के बाद हल्द्वानी में तनाव बना हुआ है। हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई। जबकि, तीन सौ अधिक लोग घायल हो गए।

यह बवाल गुरुवार को हल्द्वानी के संवेदनशील बनफूलपुरा इलाके में हुआ। अतिक्रमण हटाने गयी प्रशासन की टीम पर भारी पथराव किया गया। इस हिंसक वारदात में पुलिस व मीडियाकर्मी समेत कई लोगों के घायल होने की खबर है। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। बचाव में पुलिस ने आंसू गोले छोड़े।

 

 

 

नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि अवैध मदरसा व नमाज स्थल पूरी तरह अवैध है। अवैध मदरसे एवं नमाज स्थल को सील कर दिया था और अब इसे आज ध्वस्त कर दिया गया है।

इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, एसडीएम परितोष वर्मा व थाना बनभूलपुरा एसओ नीरज भाकुनी समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही।

हल्द्वानी में कैसे फैली हिंसा

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक के बगीचे में ‘अवैध’ रूप से निर्मित एक मदरसा और नमाज स्थल मौजूद था। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि इस स्थल के पास तीन एकड़ जमीन मौजूद थी, जिसे नगर निगम ने पहले ही कब्जे में कर लिया था। इसके बाद अवैध मदरसे और नमाज स्थल को सील कर दिया। उन्होंने बताया कि गुरुवार (8 फरवरी) को अवैध मदरसे और नमाज स्थल को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। जैसे ही अवैध मदरसे को ढहाया गया, वैसे ही हिंसा की शुरुआत हो गई।

एसएसपी प्रह्लाद मीणी ने बताया कि मदरसा और मस्जिद अवैध रूप से अतिक्रमित सरकारी भूमि पर बनाए गए थे। इन दोनों ही जगहों को ढहाने से पहले अदालत के आदेश का पालन करते हुए भारी संख्या में पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया। हालांकि, पुलिस और पीएससी की मौजूदगी के बाद भी हालात बेकाबू हो गए और पथराव की शुरुआत हो गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही दोनों इमारतों को ध्वस्त करने की शुरुआत हुई, वैसे ही बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए निवासी कार्रवाई का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए। उन्हें बैरिकेडिंग तोड़ते हुए और पुलिस कर्मियों से बहस करते हुए देखा गया। अधिकारियों ने बताया कि मदरसा-मस्जिद के ढहाये जाते ही भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया। इसमें नगर निगम के कर्मचारी, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने हालात को बिगड़ते हुए देख तुरंत हल्का बलप्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। भीड़ को घटनास्थल से दूर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए। भले ही भीड़ पीछे हटी, लेकिन उसने इस दौरान गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस की गाड़ियों में भी आगजनी की गई। देर शाम तक तनाव और बढ़ गया और बनभूलपुरा पुलिस थाने में भी आग लगा दी गई। इसके बाद कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया।

नैनीताल के जिलाधिकारी ने फोन पर मुख्यमंत्री धामी को बताया कि बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया दिया गया है और स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए दंगाइयों को देखते हीं गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है और दंगाइयों पर कार्रवाई का भरोसा जताया है। हिंसा की वजह से हल्द्वानी में दुकानें और स्कूल पूरी तरह से बंद हैं।

 

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