हरियाणा में आखिर क्यों टूटा BJP-JJP का गठबंधन ?
दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को राज्य की बात के साथ खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी के किसी भी सदस्य ने पार्टी नहीं छोड़ी है। उन्होंने संकेत दिया कि BJP-JJP के बीच दरार लोकसभा सीट शेयरिंग के समझौते पर असहमति का नतीजा है। दुष्यंत चौटाला ने इस बात पर जोर दिया कि JJP कैडर लोकसभा चुनाव और इसके बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टी की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, BJP-JJP गठबंधन टूटने की मुख्य वजह दुष्यंत चौटाला की तरफ से दो सीटें मांगना है। BJP नेतृत्व एक सीट देने की बात मानने को तैयार था, लेकिन दुष्यंत दो सीटों पर अड़े हुए थे। जबकि BJP हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी। क्योंकि हरियाणा की सभी सीटों पर उसके सांसद हैं।
दुष्यंत चौटाला कहते हैं, “मैं बस इतना चाहता हूं कि इन सब पर एक स्पष्ट बयान दिया जाए… हम NDA (BJP के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय गठबंधन) में सीट-शेयरिंग सौदे पर चर्चा कर रहे थे। दिल्ली में इसे लेकर 4 दौर की बैठकें हुईं… आखिर में हम संख्या पर सहमत नहीं हो सके। इसलिए JJP ने अपनी बात रखी। हमने कहा कि हम BJP के साथ किसी भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन हमने ये भी कहा कि विधानसभा समझौते को अंतिम रूप देने की जरूरत है।”
दुष्यंत चौटाला ने बताया, “मुझे लगता है कि उसके बाद BJP ने अपना फैसला ले लिया. फैसला ये था कि मुख्यमंत्री खट्टर इस्तीफा देंगे और नई सरकार बनेगी। हमने फैसला किया कि हम इस सरकार का हिस्सा नहीं होंगे।”
चौटाला ने कहा, “यह फैसला एक कैडर और एक पार्टी के रूप में लिया गया था, जो बाहर जाकर हर लोकसभा सीट जीतना चाहता था. हरियाणा में 10 सीटें हैंचौटाला ने कहा, “यह फैसला एक कैडर और एक पार्टी के रूप में लिया गया था, जो बाहर जाकर हर लोकसभा सीट जीतना चाहता था। हरियाणा में 10 सीटें हैं. पिछले चुनाव में ये सभी सीटें BJP ने जीती थीं।” उन्होंने कहा, “हमने BJP से यह भी कहा कि दोनों दलों को साथ बैठकर विधानसभा चुनाव की योजना बनाने की जरूरत है।” पिछले चुनाव में ये सभी सीटें BJP ने जीती थीं।” उन्होंने कहा, “हमने BJP से यह भी कहा कि दोनों दलों को साथ बैठकर विधानसभा चुनाव की योजना बनाने की जरूरत है।”