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उत्तराखंड के 110 ‘विशेष अतिथि’ दिल्ली के स्वतंत्रता दिवस समारोह में रहेंगे मौजूद

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है। इसी कड़ी में 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम है ‘विकसित भारत’। विकसित भारत के लक्ष्य को साधने के लिए देश और राज्यों के कई विभाग उल्लेखनिय कार्य कर रहे हैं और विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं से कई जरूरतमंद लाभांवित हो रहे हैं।

गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरे देश से लगभग 6 हजार ‘विशेष अतिथियों’ को भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली आमंत्रित किया है। उत्तराखंड के विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी और विभागों में उल्लेखनिय कार्य कर रहे लगभग 110 लोग 15 अगस्त 2024 को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में विशेष अतिथि के रूप में 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के साक्षी बनेंगे। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, अटल इनोवेशन मिशन, लखपति दीदी योजना सहित कई योजनाओं के लाभार्थियों और नीति आयोग, आंगनवाड़ी केंद्रों, एएनएम-आशा कार्यकत्रियों, सीमा सड़क संगठन, पंचायती राज और जनजातिय मंत्रालय की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को ‘विशेष अतिथि’ के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के जामुवाखाल गांव की निवासी श्रीमती धना देवी को स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए भारत सरकार से आमंत्रण मिला है। श्रीमती धना बताती हैं कि वह आमंत्रण मिलने से बेहद खुश हैं। श्रीतमी धना का कहना है कि सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिससे आज महिलाएं लाभांवित हो रही हैं। उन्होने कहा कि वह सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए स्वयं सहायता समूह चलाती हैं, जिसमें उन्होंने 500 महिलाओं को रोजगार दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें सरकारी योजनाअें की महत्वपूर्ण भूमिका है।

पौड़ी गढ़वाल, दुगड्डा के ग्राम मंडाई निवासी नरेंद्र सिंह ने भी भारत सरकार द्वारा प्राप्त आमंत्रण पर ख़ुशी जताई है और इसके लिए सरकार का आभार जताया है। नरेंद्र प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साक्षात लाल किले से सुनने के लिए उत्साहित हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग में जेंडर स्पेशलिस्ट देहरादून निवासी श्रीमती सुप्रिया चंद और उनके साथ काम कर रही 10 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां भी स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में नई दिल्ली आमंत्रित हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लिंगानुपात को बढ़ाने में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की अहम भूमिका रही है और इसीलिए उन्हें ये आमंत्रण प्राप्त हुआ है।

उत्तरकाशी के नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनमए श्रीमती पूजा राणा भी स्वतंत्रता दिवस समारोह में मिले आमंत्रण से बेहद खुश हैं। इसके लिए वह अपने विभाग और भारत सरकार का आभार व्यक्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को साक्षात सुनना एक सुनहरे अवसर जैसा है। सीमा सड़क संगठन में काम करने वाले कामगार पुष्कर सिंह और यशवंत सिंह भी आमंत्रण मिलने के बाद नई दिल्ली रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह देश की सीमाओं पर सड़क बनाने का काम करते हैं और पहली बार दिल्ली जा रहे हैं। दोनों लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम को देखने के लिए उत्साहित हैं।

अटल इनोवेशन मिशन के तहत स्कूली बच्चों को भी इस बार स्वतंत्रता दिवस पर आमंत्रित किया गया है। खटिमा की शिक्षिका श्रीतमी संगीता बत्रा और उनकी छात्राएं नई दिल्ली रवाना हो गई हैं। श्रीमती बत्रा ने भारत सरकार का आभार जताते हुए बताया कि इस तरह के आमंत्रण से बच्चों में उत्साह पैदा होता है और उन्हें नई-नई चीजें देखने को मिलती हैं और उनका आत्मविश्वास भी इससे प्रबल होता है। उन्होंने कहा कि एक छोटे जगह से इतने बड़े मंच के लिए आमंत्रण मिलना एक गर्व का विषय है। ऊधमसिंह नगर के बघौैरी गांव की लखपति दीदी योजना की लाभार्थी श्रीमती पवित्रा राणा प्रगति नाम से अपना स्वयं सहायता केंद्र संचालित कर रही हैं और कई महिलाओं को उसमें रोजगार दिया हुआ है। श्रीमती राणा बताती हैं कि उन्होंने मात्र 100 रुपए की लागत से अपना स्वरोजगार शुरू किया था जो सरकारी योजनाओं की मदद से आज बड़े स्तर तक पहुंच गया है। आज उनका अपना पोली हाउस भी है। उन्होंने भारत सरकार के दिल्ली आमंत्रण पर खुशी जताते हुए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है।

सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के दूरस्थ गांव ननकुड़ी की ग्राम प्रधान  ममता और उनके पति लक्ष्मण सिंह को भी स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्हेें बीते 26 जनवरी के समारोह के लिए भी आमंत्रित किया गया था। उनका कहना है कि वह प्रधान होने के नाते विकास को सीमांत गांव तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। वह और उनके पति इस आमंत्रण के लिए भारत सरकार का आभार जता रहे हैं। भारत सरकार ने उत्तराखंड के जनजातिय क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे लोगों को भी आमंत्रित किया है। देहरादून की कालसी निवासी प्यारो देवी और प्रभा देवी ने दिल्ली आमंत्रण के लिए सरकार का आभार जताया है।  प्यारो ने कहा कि वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं, जिससे वह आत्मनिर्भर और सशक्त हुई हैं। कालसी निवासी  प्रभा देवी ने कहा कि वह वनधन नाम से केंद्र का संचालन करती हैं, जिसमें उन्होंने लगभग 300 महिलाओं को रोजगार से जोड़ा है। वह दिल्ली आमंत्रण के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त कर रही हैं।

 

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