उत्तराखंडराज्य

सहकारिता मेले से महिलाओं के उत्पादों को मिला नया बाजार

पौड़ी: अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में श्रीनगर के आवास विकास मैदान में आयोजित जनपद स्तरीय सहकारिता मेले के दूसरे दिन उत्साह, सहभागिता और सांस्कृतिक रंगों का समागम देखने को मिला। सहकारिता की भावना से ओतप्रोत युवा सहकार परिचय कार्यक्रम, सहकारिता गोष्ठी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पूरे कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अण्थवाल और विशिष्ट अतिथि प्रादेशिक सहकारी संघ के उपाध्यक्ष शैलेंद्र बिष्ट उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि राजेंद्र अण्थवाल ने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और ग्रामीण आत्मनिर्भरता की जीवंत मिसाल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाकर गांव-गांव में रोजगार और उत्पादन की नई संभावनाएं विकसित कर रही है। उन्होंने महिला समूहों और युवाओं से आह्वान किया कि वे सहकारिता आंदोलन से जुड़कर अपने उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचाएं।

विशिष्ट अतिथि शैलेंद्र बिष्ट ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सहकारिता ही वह माध्यम है जो बिखरी हुई संसाधन शक्ति को संगठित कर आर्थिक मजबूती में बदल सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद जैसे ऑर्गेनिक घी, शहद, हर्बल टी, चांगोर के लड्डू और पारंपरिक अचार अब सहकारिता मेलों के माध्यम से देशभर में पहचान बना रहे हैं।मेले में सैकड़ों महिला सहायता समूहों, मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटियों और कृषक उत्पादक संगठनों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए। हिमालय ऑर्गेनिक मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी, देहरादून के स्टॉल पर ऑर्गेनिक घी, शहद और हर्बल टी को लोगों ने खूब सराहा। संस्थान के प्रतिनिधि तरुण जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के इन उत्पादों की देश के विभिन्न राज्यों में भारी मांग है।

कोटद्वार कृषक उत्पादक संगठन की नीतू डंगवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा बनाए गए चांगोर के लड्डू, बर्फी और मल्टीग्रेन बिस्किट को विशेष सराहना मिली है। उनके समूह में 250 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं, जो स्थानीय अनाजों से पूरी तरह ऑर्गेनिक उत्पाद तैयार करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सहकारिता विभाग और मंत्री जी की इस पहल ने उन्हें अपने उत्पादों को बाजार देने का मंच दिया है। इससे उनकी आमदनी बढ़ी है और आत्मनिर्भरता का विश्वास जगा है।

विकासखंड खिर्सू महिला सहायता समूह मोल्यार की बीना देवी ने बताया कि समूह को सहकारिता विभाग से शून्य प्रतिशत ब्याज पर 10 लाख रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है। इससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और वे पहाड़ी उत्पाद बेचकर प्रतिमाह लगभग एक लाख रुपये की आमदनी प्राप्त कर रही हैं। बीना देवी ने कहा कि ऐसे सहकारिता मेले जनपद स्तर पर हर वर्ष आयोजित होने चाहिए, ताकि ग्रामीण उत्पादों को स्थायी बाजार मिल सके।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों द्वारा पौड़ी और काल्जीखाल विकासखंड के 124 कृषकों को एक करोड़ 54 लाख रुपये का शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरित किया गया।

मेले में महिला मंगल दल कोट, भिताई और बग्वाड़ी की महिलाओं ने पारंपरिक मंगल गीत और लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत “दैणां होयां, खोली का गणेसा” गीत ने कार्यक्रम को विशेष ऊंचाई दी। वहीं स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नृत्य और गीतों ने सांस्कृतिक वातावरण को और भी मनमोहक बना दिया।

आवास विकास मैदान में आयोजित जनपद स्तरीय सहकारिता मेले में जहां स्थानीय उत्पादों और महिला समूहों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने रहे, वहीं स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग की पहल ने भी लोगों का ध्यान खींचा।

विभाग की ओर से आयोजित योगाभ्यास सत्र में बड़ी संख्या में आगंतुकों ने भाग लिया। प्रशिक्षकों ने उपस्थित लोगों को प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और सूर्य नमस्कार जैसे आसनों का अभ्यास कराया। विशेषज्ञों ने योग के नियमित अभ्यास से होने वाले लाभों की जानकारी दी और बताया कि योग केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का भी आधार है।

इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक मातबर सिंह रावत, सम्पत सिंह रावत,  महावीर कुकरेती, मनोज पटवाल, जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक संजय रावत, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण और सहकारी सदस्य उपस्थित रहे।

 

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