SGRR इंण्टर काॅलेज की जमीन कब्जाने की फिराक में पूर्व डीजीपी और भू माफिया
देहरादून: पूर्व डीजीपी ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर श्री गुरु राम राय इण्टर काॅलेज की जमीन को कब्जाना चाहते है। यह मामला क्षेत्र में सुर्खियां बना हुआ है।
सन् 1950 में स्थापित श्री गुरु राम राय इण्टर कॉलेज भोगपूर, देहरादून के क्रीडा स्थल (खेल मैदान) को कब्जाने की वह कोशिश कर रहे हैं। एसजीआरआर स्कूल प्रबन्धन और श्री दरबार साहिब की संगतों ने इस घटनाक्रम में गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्कूल की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं होने देंगे।
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब द्वारा ग्रामीण और निर्धन छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के उद्देश्य से सन् 1950 में भोगपुर व रानीपोखरी क्षेत्रवासियों के लिए स्कूल खोला गया था। जिसके लिए 11.5 बीघा जमीन प्रेमदत्त रतूड़ी पूर्व डीजीपी उत्तराखण्ड के दादाजी ने दान दी थी। जिसमें वर्तमान समय में विद्यालय का लिए खेल मैदान संचालित है। स्कूल के स्थापना को लगभग 75 वर्ष हो गये हैं और अब अचानक पूर्व डीजीपी उस जमीन को भू-माफियाओं को बेचना चाहते हैं। जबकि स्कूल के विद्यार्थी इस मैदान पर खेलते हैं और अन्य शैक्षणिक कार्य इसमें होते हैं। अचानक से कुछ समय पहले भू-माफियाओं को लेकर प्रधानाचार्य को डराने-धमकाने लगे।कुछ भू-माफियाओं ने बच्चों के खेल के मैदान में कब्जा करने की नीयत से ट्रैक्टर व जे०सी०बी० चला दी जिससे कि स्कूल के अध्यापकों, छात्र-छात्राओं व भोगपुर क्षेत्र के ग्रामीणों व श्री दरबार साहिब के सेवकों व संगतों में भारी आक्रोश है।
31 दिसम्बर को श्री दरबार साहिब के सेवकों द्वारा पुरानी बाउण्ड्रीवॉल की मरम्मत की गई और उसको ऊँचा किया गया जिससे कि असामाजिक तत्व स्कूल परिसर में न आ सकें और छात्र-छात्राओं के साथ कुछ गलत न करें। 31 दिसम्बर की रात को पूर्व डीजीपी व भू-माफियाओं ने रात में निर्माणाधीन बाउण्ड्रीवॉल को गिरा दिया। उक्त स्थान पर संस्थान द्वारा दोपहर में पुलिस की मौजूदगी में बाउण्ड्रीवॉल की मरम्मत का कार्य सम्पन्न कराया गया और दोनों पक्षों को यथावत स्थिति बनाने को लिए कहा गया। गौरतलब है कि विद्यालय की स्थापना को 75 वर्ष हो गये है और इस भूमि के कागजों की खोज जारी है।
पूर्व में भोगपुर क्षेत्र के लोग जानते हैं विद्यालय व खेल मैदान इतने समय से बिना किसी विघ्न बाधा के चल रहा था और स्थापना काल 1950 से अब तक किसी ने भी इन 75 वर्षों में विद्यालय के खेल मैदान व जमीन पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की।
विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निन्दा की है और शासन से इन भू-माफियाओं के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।